करनाल – दलित एवं पिछड़ा वर्ग की 70 साल की यात्रा पर सामूहिक बातचीत कार्यक्रम का आयोजन

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करनाल- नीलोखेड़ी के विधायक एवं वन विकास निगम हरियाणा के चेयरमैन धर्मपाल गोंदर ने उपस्थित जन समूह को आह्वान किया कि वह बाबा साहब डाक्टर भीम राव अंबेडकर की शिक्षाओं का अनुसरण करके समाज में जागृति लाए और उनकी शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार के लिए आंदोलन का रूप दे।
विधायक रविवार को पुरानी सब्जी मंडी में आयोजित दलित एवं पिछड़ा वर्ग 70 साल की यात्रा पर एक सामुहिक बातचीत कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 70 साल बाद भी दलित एवं पिछड़े वर्ग के लोगों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इन वर्ग के लोगों को सविधान में जो अधिकार दिए है, उनमें अधिकारों को कही न कही दबा दिया जाता है। इसके लिए समाज के हर व्यक्ति का दायित्व है कि वह अपने अधिकारों के लिए एकजूट होकर संघर्ष करे और बाबा साहब के मिशन को आगे बढ़ाने का काम करे। एकता ही विकास का सूत्र है।
हरियाणा सरकार के प्रधान सचिव डाक्टर राजा शेखर वुंडरू ने बातचीत में कहा कि समाज में छोटा-बड़ा, छुआछुत कोई मायने नहीं रखती। यह समाज में एक अभिशॉप नहीं है, जिससे समाज में असमानता बढ़ती है। यही कारण है कि  दंडनीय अपराध है। आज कुछ वर्ग के लोग संविधान के अनुसार काम न करके समाज के वंचित दलित एंव पिछड़े वर्ग के परिवारों के साथ अनदेखी करते है। सविधान के अनुसार इन परिवारों का अधिकार न मिलना सबसे बड़ा अपराध है। इन वर्गों के लिए संविधान में अधिकार दिया गया है, सरकारों को भी चाहिए कि समानता के लिए इन वर्गों के कर्मचारियों को नौकरी में पदोन्नती में आरक्षण व आउटसोर्सिस में भी आरक्षण को पूरी तरह से लागू करना चाहिए। ऐसा करने से जहां इन वर्गों के लोग उन्नत होंगे, वहीं देश आगे बढ़ेगा। इस मौके पर उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम 1989 पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में इस पुस्तक को निशुल्क वितरित भी किया और कहा कि यह पुस्तक घर-घर तक पहुंचाए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मैगसेसे अवार्ड विजेता और सफाई कर्मचारी नेता बेजवाडा विलसन ने कहा कि 70 साल के बाद भी सफाई कर्मचारी सीवरेज की सफाई के काम में मर रहे है, जो एक अपराध है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों ने लंबे समय तक हाथ से मैला ढोने का काम किया है। परंतु आज समाज के ऐसे विशेष वर्ग इन परिवारों को अछुत कहकर घृणा करते है, जो कि विकास में बाधा है।
हार्वर्ड लॉ स्कूल मास्टर्स और जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल के शिक्षक डाक्टर अनुराग भास्कर ने कहा कि अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग के लोगों को 70 साल के बाद भी संवैधानिक उद्देश्यों की प्राप्ति नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि न्यायिक हस्तक्षेप उस तरह से नहीं हुआ, जैसा संविधान में उल्लेख है।
मुख्य वक्ता प्रो. अमित थरोटा ने आंकडे प्रस्तुत करते हुए बताया कि हरियाणा प्रदेश में करीब 3 प्रतिशत परिवार आज भी छुआछूत का डंस झेल रहे है। यह वर्ग आए दिन शोषण का शिकार हो रहा है। यदि समाज के सभी लोग समानता से काम करे, तो अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के लोग जिनका देश के विकास में अहम योगदान है, उन्हें भी समाज में अन्य लोगों की तरह अधिकार मिलने चाहिए।
कार्यक्रम के आयोजक एस.सी.एस.टी-ओ.बी.सी संगठन के अध्यक्ष कर्मबीर सिंह बोद्ध ने उपस्थित जन समूह में उर्जा भरते हुए कहा कि आज अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग का व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली हो, उसे जाति के आधार पर प्रताडि़त किया जा रहा है। ऐसा न केवल हरियाणा में है, बल्कि पूरे देश में देखने को मिल रहा है। जब न्याय के लिए इन वर्गों के लोग न्यायालयों का दरवाजा खटखटातें है, तो वहां पर उन्हें न्याय मिलता है, परंतु अधिकार को लागू करना तो स्थानीय प्रशासन व सरकार का है। परंतु सरकारे इन परिवारों के अधिकारों को ठेंगा दिखा रही है। कर्मचारियों को पदोन्नोति में आरक्षण वर्तमान सरकारों पर नागवार गुजर रहा है। जबकि यह सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि आज अनुसूचति जाति एंव जनजाति के लोगों को पदोन्नति की जरूरत है। उन्होंने सरकार से मांग की कि अनुबंध आधार पर प्रदेश में लगे सभी सफाई कर्मचारियों को पक्का किया जाए। इस मौके पर कृष्ण कुटेल, मास्टर सुरेश सिहमार, पार्षद रवि, डाक्टर  धूप सिंह, अमर सिंह पातलान भी मौजूद रहे।