इंद्री – परिवार के लिए फरिश्ता बना साधारण कार्यकर्ता

0
127

रिपोर्ट -मेनपाल /इंद्री – भाजपा के एक साधारण से कार्यकर्त्ता ने वो कर दिखाया जो सत्ता में बैठे नेता नहीं कर सकते। पैसे न अदा करने पर मेक्स अस्पताल में शीशपाल को 25 दिनों तक अस्पताल मालिक ने बंधक बना लिया था। परिजनों ने सत्तासीन नेताओं के आगे भी मदद की गुहार लगाईं। लेकिन किसी भी बड़े सत्तासीन नेताओं ने शीशपाल की मदद नहीं की। समाज सेवी व् भाजपा नेता मास्टर नरेंदर गोरसी ने लोगो से धन एकत्रित किया और जाकर अस्पताल की पूरी फ़ीस भरी और शीशपाल की अस्पताल से छुट्टी भी करवाई l
इंद्री के रम्बा गांव का शीशपाल पिछले कई महीनों से बिमारी से ग्रस्त था शीशपाल के कई बार डायलेसिस भी किये गए लेकिन डॉक्टरों ने शीशपाल की किडनी ट्रांसफर की बात बताई l लेकिन शीशपाल के परिजन कोई आय का साधन नहीं होने के कारण ऐसा ईलाज करवाने में असमर्थ थे l जब शीशपाल के परिजन शीशपाल को मैक्स हस्पताल में लेकर गए तो डाक्टरों ने उसके इलाज करने के लिए 10 लाख से 11 लाख तक खर्च बताया l शीशपाल के ताऊ रामकिशन ने बताया कि मैंने अपने भतीजे को अपनी किडनी ट्रांसफर की है क्योकि हमारे पास इतने पैसे नहीं थे। हम गरीब आदमी है । शीशपाल के पास गांव में एक मकान था वो भी बिक चुका है और किसी पडोसी के घर पर शीशपाल अपने बच्चो को लेकर किराये के मकान में रह रहा है। आप को बता दें कि शीशपाल के दो बेटे एक लड़की एक उसकी पत्नी एक छोटा भाई व् माँ है घर में सभी परिवार वाले शीशपाल के ऊपर ही निर्भर हैं और उनके परिवार में कोई भी कमाने वाला नहीं है l
शीशपाल के परिवार वालों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। इस मामले में किसी उच्च पद पर बैठे सत्तासीन भाजपा नेताओं ने इस परिवार की इस दुःख की घडी में कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आये। तभी एक भाजपा के साधारण से कार्यकर्ता नरेंदर गोरसी ने जब इस बारे पता चला कि शीशपाल को पैसे के बिना मैक्स हस्पताल में बंधक बना रखा है तो उन्होंने इस मामले को गम्भीरता से लिया और लोगो से धन इक्कठा करके हस्पताल से बन्धक बनाये गए शीशपाल को छुड़ाकर घर वापिस लाये। शीशपाल का परिवार दुखी है परिवार वालों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई की सरकार उनकी मदद करें ताकि परिवार का गुजारा हो सके।
शीशपाल की पत्नी सुनीता का कहना है शीशपाल मेरे पति है जिनकी किडनी खराब हो चुकी है फ़ीस के चककर में अस्पताल वालो ने उनको बंधक बनाकर रखा तो हमे छुट्टी नहीं मिली परिवार में हम सात लोग है दो लड़के एक लड़की एक मेरी सास व् एक मेरा देवर है कमाने वाला सिर्फ मेरा पति है। सभी इस पर निर्भर थे हमारे पास कमाने वाला भी कोई नहीं है हमारे पास एक मकान था वो भी हमने बेच कर हस्पातल में पैसे जमा करवा दिए लेकिन हमारे पास रहने तक की भी जगह नहीं है हम पड़ोसियों के मकान में किराये पर रह रहे है हमने इस मुसीबत की घडी में सभी बड़े बड़े सत्तासीन नेताओ के लिए मदद की गुहार लगाई लेकिन किसी बड़े नेताओ ने हमारी मदद नहीं की। तभी मास्टर नरेंदर गोरसी ने हमारी मदद की l सरकार से मांग है कि मेरे परिवार वालो की मदद की जाये ताकि मेरे परिवार वालो का गुजारा हो सके।
भाजपा के कार्यकर्त्ता मास्टर नरेंदर गोरसी ने कहा, मुझे पता लगा कि शीशपाल की किडनी ट्रांसफर मैक्स हस्पताल में हुई जो बिना फ़ीस जमा कराने के कारण बंधक बना रखा था जैसे मुझे पता चला मैंने सभी अपने मित्रों लोगों से संपर्क किया और उनसे फ़ीस के लिए धन एकत्रित किया और उनके परिवार वालो को दिया परिवार वालों ने अस्पताल में फ़ीस जमा करवाकर शीशपाल की छुट्टी करवाई। शीशपाल बहुत गरीब परिवार से है इस परिवार की मदद के लिए मुख्य मन्त्री मनोहर लाल खटटर से मुलाकात करके परिवार की हर सम्भव मदद करने का प्रयास करूंगा।