आगरा- बेटी के ईलाज के लिए दर दर भटक रहा परिवार

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रिपोर्ट -नसीम अहमद /आगरा -ईलाज के अभाव में एक किशोरी जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है और उसका पिता इलाज कराते कराते थक चुके है ।आलम ये है बेटी के इलाज में पिता का घरबार तक बिक गया।लेकिन बेटी को बीमार से निजात न मिल।सकी। बेटी के इलाज के चलते पिता कर्जदार हो गया। बेटी को तड़पता देख पिता ने परिवार सहित योगी सरकार से इच्छामृत्यु की मांग की है

मामला पुरा लोधी जलेसर रोड का है जहाँ के रहने वाले सुमेर सिंह मजदूरी कर अपना परिवार चलते है लेकिन पिछले दो साल से सुमेर अपनी 16 साल की बेटी ललिता का इलाज करा करा कर थक चुके है।ललिता को एप्लास्टिक अनीमिया नाम की गंभीर बीमारी है जिसमे शरीर मे खून बनना बंद हो जाता है और पीड़ित को जिंदा रखने के लिए हफ्ते में एक बार खून चढ़ाया जाता है।इसी के चलते सुमेर सिंह अब तक लाखो रुपए बेटी के इलाज में खर्च करा चुके है।और आगरा में फाउंड्री नगर के गोकुल नगर में अपने रिश्तेदार के यहाँ रकेह रहे है।बेटी को तड़पता देख और कोई राहत न मिलने पर सुमी सिंह के एक परिचित उन्हें अलीगढ के सांसद राजवीर सिंह के पास लेकर पहुंचे जहां से उनकी मदद के रूप में जो मदद मिल सकती थी वो तो मिली लेकिन उससे भी राहत नही मिली। जिसके बाद पीड़ित पिता ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा जिसके बाद प्रधानमंत्री राहत कोष से 3 लाख रुपए की सहायता राशि स्वीकृत की गई और जयपुर के एस,एम,एस अस्पताल को पैसा भी ट्रांसफर कर दिया गया लेकिन पीड़ित बेटी को राहत नही मिली।पीड़ित पिता जब बीमार बेटी को एस,एम,एस हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने 10 लाख का खर्चा बताया डॉक्टरों का कहना था कि बॉर्नमेरो बदलना पड़ेगा तब जाकर बेटी की जान बच सकेगी।डॉक्टरों ने पीड़ित पिता से 7 लाख और लाने के बाद ही इलाज करने के लिए बोला।पीड़ित का कहना है कि कई बार हॉस्पिटल जाने के बाद भी कोई मदद नही मिली।जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में राहत कोष से आये 3 लकह रुपए पिछले साल सितंबर 2018 में ट्रांसफर हुए थे लेकिन इलाज आज तक नहीं मिल पाया l

आयुष्मान योजना भी इस परिवार का सहारा नही बन सकी है । बेटी के इलाज के लिए आयुष्मान योजना केंद्र पहुंचे पिता सुमेर सिंह को वहाँ भी निराश ही हाथ लगी।लिस्ट में नाम न होने से कार्ड नहीं बन सका और न ही इलाज मिल सका।हर तरफ से निराश हो चुके पिता और उनकी बीमार बेटी योगी सरकार से मदद की उम्मीद लागये बैठे है।पिता ने जहां सरकार से बेटी के लिए इलाज या परिवार सहित इच्छामृत्यु की मांग की है तो बेटी भी पिता की हालत देख भगवान से अपने लिए मौत मांग रही है।

इस पूरे मामले पर जब मुख्य चिकित्साधिकारी मुकेश वत्स से बात की गई तो उनका कहना था कि अगर परिवार उनसे मुलाकात करता है तो वो हर सम्भव मदद करने के लिए तैयार है।जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री राहत कोष तक से इलाज कराया जा सकता है।बेटी के लिए खून की कमी भी नहीं होने दी जाएगी l