करनाल – जिलाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण करनाल निशांत कुमार यादव ने, रविवार को एक आदेश पारित कर जिला में नाई की दुकान, सैलून व ब्यूटी पार्लर इत्यादि को सम्पूर्ण सुरक्षा उपायों के साथ सेवाएं प्रदान करने की इजाजत दे दी है।
इस कार्य को करने वाले व्यक्तियों को किस तरह की सावधानी व जरूरी तरीके अपनाने होंगे, इस बारे जिलाधीश ने अपने आदेशो में 14 उपाय बताकर उन पर अमल करने के लिए कहा है। इसके तहत जिस व्यक्ति को बुखार, जुखाम, खांसी व गले में दर्द हो, वह दुकान के अंदर प्रवेश नहीं करेगा। ग्राहक और स्टाफ अंदर बिना मास्क के नहीं रहेंगे। प्रवेश पर हैंड सैनीटाईजऱ उपलब्ध करवाना होगा। समस्त स्टाफ को फेस मास्क, सिर पर कवर और एप्रन पूरा टाईम डालने होंगे। प्रत्येक ग्राहक पर डिस्पोजेबल तोलिया या पेपर शीट प्रयोग करनी होगी। प्रत्येक ग्राहक पर इस्तेमाल करने से पहले सभी औजार, 7 प्रतिशत लाईज़ोल से स्प्रे अथवा पोछा कर आधा घण्टे के लिए सैनीटाईज करने होगे। प्रत्येक हेयर कट या शेव के बाद स्टाफ को अपने हाथ सैनीटाईज करने होंगे। विचलित हुए अंदर आने वाले ग्राहक के लिए अप्वाईंटमेंट या टॉकन सिस्टम किया जाए। बैठने के लिए कम से कम एक मीटर का पर्याप्त स्पेस रखा जाए।
आदेशो में आगे कहा गया है कि ऐसी दुकानो का सभी सामान्य एरिया, फ्लोर, लिफ्ट, लाँज, सीढिय़ां व रेलिंग एक प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईड घोल से प्रतिदिन असंक्रमित किया जाए। कारपेट व फ्लोर एरिया को अच्छी तरह से स्वच्छ बनाया जाए। नुकीले बेकार ब्लेड, डिस्पोजेबल रेजर इत्यादि को एक छिद्र व रिसाव रहित कन्टेनर में 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईड सोल्यूशन के साथ रखा जाए, ऐसे सामान से तीन-चौथाई कन्टेनर भरने पर म्यूनिसिपिल्टी के सफाई कर्ताओं को, आगामी हानिकारक वेस्ट निस्तारण एजेंसी द्वारा नष्ट करने के लिए दिया जाए। दुकान में काम करने वाले समस्त स्टाफ व सहायकों को फेस मास्क के प्रयोग और खांसने से जुड़े शिष्टाचार का ज्ञान होना चाहिए, यदि उनमें कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं, तो उन्हें तुरंत स्वास्थ्य विभाग को रेफर किया जाना चाहिए, उनकी पूर्ण रिकवरी होने तक परिसर में प्रवेश नहीं होगा। दुकान के प्रवेश पर सोशल डिस्टैंसिंग और खांसने से जुड़े शिष्टाचार के पोस्टर डिस्प्ले होने चाहिएं।
जिलाधीश के आदेशानुसार ड्यूटी मजिस्ट्रेट/करनाल, असंध, घरौंडा व इन्द्री के उपमण्डलाधीश अपने-अपने क्षेत्रो में इन आदेशों के सम्पूर्ण क्रियान्वयन के जिम्मेवार होंगे। अन्य विभागो के कर्मचारी ऐसे इंसीडेंट कमांडर के अधीन विशेष क्षेत्रों में काम करेंगे। आदेशानुसार इन आदेशो की अवहेलना करने वाले व्यक्ति को आई.पी.सी. की धारा-188 के तहत जेल व अलग से जुर्माना भुगतने की सजा मिलेगी।