सोनीपत-शहर में विभिन्न स्थानों पर सफलतापूर्वक किया पुलिस-प्रशासन ने मॉक ड्रिल

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रिपोर्ट- सुरेंद्र/सोनीपत-किसी भी प्रकार आपदा की स्थिति भूकंप इत्यादि के समय पुलिस-प्रशासन की तैयारियों को जांचने के लिए शुक्रवार को शहर में मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल में प्रशासन, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, होमगार्ड, सिविल डिफेंस की टीमों ने एक साथ मिलकर विभिन्न बिल्डिंगों में फंसे 120 लोगों की जान बचाई।
उपायुक्त डॉ० अंशज ङ्क्षसह के निर्देशन में मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस तथा स्वास्थ्य विभाग और एनसीसी के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। मॉक ड्रिल के लिए डीआरडीए हाल में कंट्रोल रूम बनाया गया था। यहां डीसी डा. अंशज सिंह, एडीसी जयबीर आर्य, सीटीएम शंभू राठी, डीआरओ ब्रह्मप्रकाश अहलावत व अन्य अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए थे। वहीं सुभाष स्टेडियम में स्टेजिंग एरिया बनाया गया था और यहां कमान एसडीएम विजय सिंह के हाथों में थी। इसके साथ ही पांच स्थानों पर घटनास्थल बनाए गए थे। इनमें लघु सचिवालय में एसडीएम खरखौदा श्वेता सुहाग, सिविल अस्पताल में एसडीएम गोहाना आशीष वशिष्ठ, ऋषिकुल विद्यापीठ में एसडीएम गन्नौर सुरेंद्र पाल, हिंदू कालेज में डीडीपीओ नरेंद्र धनखड़ और कच्चे कवार्टर में कार्यकारी अभियंता पंचायती राज वाईएस पंवार के नेतृत्व में मोर्चा संभाला गया था।
दोपहर 10:30 बजे नियंत्रण कक्ष को सूचना मिली कि शहर में भूकंप से भारी क्षति हुई है। इसके बाद एक-एक कर पांच स्थानों से सूचना मिली और तत्काल सभी स्थानों पर राहत टीमों को रवाना कर दिया गया। एसडीएम श्वेता सुहाग ने लघु सचिवालय की तरफ कूच किया। यहां बिल्डिंग में फंसे करीब 30 लोगों को सकुशल बाहर निकाला। सभी घायलों के लिए प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा दी गई, जिन्हें प्राथमिक उपचार देने उपरांत सिविल अस्पताल रवाना किया गया। कच्चे क्वार्टर पर विभिन्न दुकानों में फंसे हुए घायलों को सकुशल बाहर निकालने में कोई देर नहीं लगाई। स्थिति को भांपते हुए उन्होंने फौरन एंबुलेंस मंगवाई तथा मौके पर ही स्वास्थ्य विभाग की सहायता से कैम्प लगाकर घायलों को उपचार की सुविधा प्रदान की। कच्चे क्वार्टर में 12 घायल व्यक्तियों को बाहर निकाला गया।
गन्नौर के एसडीएम सुरेन्द्र पाल अपनी टीम के साथ देवडू रोड स्थित ऋषिकुल विद्यापीठ की ओर बढ़ेे, जहां स्थिति नाजुक बताई जा रही थी। उन्होंने मौके पर पहुंचते ही बचाव कार्यों की शुरुआत कर दी। सिविल डिफेंस, सेना, आईटीबीवी व पुलिस के जवानों की सहायता से उन्होंने ऊंची बिल्डिंग में सफलतापूर्वक बचाव कार्य करवाया। इस दौरान उन्होंने बिल्डिंग के द्वितीय तल तथा तृतीय तल पर फंसे घायलों को नीचे उतरवाया। किंतु यहां एक घायल को बचाया नहीं (मॉक ड्रिल) जा सका। जबकि उन्होंने सात व्यक्तियों को सकुशल बाहर निकाला, जिनमें कई घायलों को गहरी चोट आई थी। सभी घायलों को प्राथमिक उपचार देकर सिविल अस्पताल रैफर किया गया।
इसके अलावा हिंदू कालेज में डीडीपीओ नरेन्द्र धनखड़ तथा सिविल अस्पताल में एसडीएम गोहाना आशीष कुमार ने भी आपदा की स्थिति से जूझते हुए एनडीआरएफ व पुलिस-प्रशासन की टीमों ने बुलंद हौंसले का परिचय दिया। सिविल अस्पताल से आठ तथा हिंदू कालेज से 10 लोगों के प्राणों की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। हिंदू कालेज में डीएसपी संदीप मलिक ने अपनी टीम के साथ मुस्तैदी व समर्पण के साथ राहत कार्य में प्रमुख योगदान दिया।
इस दौरान मॉक ड्रिल का जायजा लेने के लिए उपायुक्त डॉ अंशज सिंह व एएसपी अर्पित जैन ने भी मौके का दौरा किया। उन्होंने सुभाष स्टेडियम में बनाये गये हैल्थ कैम्प एवं अस्पताल का गंभीरता से निरीक्षण करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि आपदा कभी बताकर नहीं आती। इसलिए 24 घंटे हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस प्रकार की तैयारियों को जांचने के लिए ही मेगा मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। सभी ने अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर्मठता व ईमानदारीपूर्वक किया है। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल ने साबित कर दिया है कि सोनीपत पुलिस-प्रशासन हर प्रकार की स्थिति से निपटने में सक्षम है।
मॉक ड्रिल के समापन अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त जयबीर ङ्क्षसह आर्य एनडीआरएफ के ऑब्जर्वर श्रीनिवास तथा सिविल डिफेंस के कमांडेंट विजेंद्र कुमार ने जरूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में भय के माहौल को नहीं पनपने देना चाहिए। सबको एकजुट होकर स्थिति का सामना करना चाहिए। अतिरिक्त उपायुक्त ने जानकारी दी कि मॉक ड्रिल में घायल व्यक्तियों की भूमिका का निर्वहन करने के लिए एनसीसी के 51 विद्यार्थियों की सेवा ली गई थी। इनमें से विभिन्न स्थानों पर 36 व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुए, जिनमें नौ व्यक्तियों की मौत हो गई जबकि 34 व्यक्तियों को बचाया गया। इस मौके सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
गौशाला में शैड गिरा तो महलाना रोड पर गिरे पेड़
मॉक ड्रिल के दौरान अलग-अलग हादसों की स्थिति में आपदा प्रबंधन की तैयारियों को चैक किया गया। नियंत्रण कक्ष में बैठे डीसी डॉ०अंशज ङ्क्षसंह ने अचानक आए वायरलैस मैजेस के आधार पर तुरंत सभी अधिकारियों को अलर्ट किया। सूचना थी कि जटवाड़ा गौशाला का शैड गिर गया है और की गाय दब गई हैं। इसके बाद तुरंत राहत टीम और पशुपालन विभाग के चिकित्सकों को वहां भेजा गया। यहां राहत टीम ने काफी मेहनत से कार्य किया और नौ गायों को घायल हालत में बाहर निकाला गया। वहीं महलाना रोड पर पेड गिरने की सूचना पर वन विभाग की टीम को भेजा गया। डीएफओ राजेश शर्मा के नेतृत्व में वन विभाग की टीम तत्काल कटर व ट्रैञ्चटर लेकर पहुंची और रास्ते में पड़े पेड़ों को काटकर सडक़ खाली करवाी गई।
बिजली, टेलीफोन, पेयजल व गैस सप्लाई कटने पर भी तत्काल की मदद मॉक ड्रिल के दौरान सूचना मिली कि भूकंप के बाद बिजली, टेलीफोन, पेयजल व गैस सप्लाई भी बाधित हुई है। यहां पर भी तत्काल राहत टीमों को भेजा गया और अस्थाई तौर पर सभी सुविधाएं मुहैया करवाई गई। दोपहर 1:00 बजे तक सभी सुविधाओं को पुन: बहाल कर दिया गया था।