नैनीताल -सरकार ने भीमताल औद्योगिक घाटी में युवाओं के लिए खोले रोजगार के द्वार

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रिपोर्ट – कांता पाल /नैनीताल -भीमताल समाजसेवी पूरन ब्रजवासी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के समय भीमताल विधानसभा व उसके आसपास के क्षेत्रों के पलायन को रोकने एवं लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के द्वारा भीमताल औद्योगिक घाटी सिडकुल की नींव रखी गयी थी।
उन्होंने कहा कि 80-90 के दशक में यहां पर औद्योगिक संस्थान माननीय विकास पुरुष स्व. नारायण दत्त तिवारी द्वारा बसाये गये थे, भीमताल, ओखलकाण्डा, रामगढ, धारी आदि आस-पास दर्जनों क्षेत्रों के ‘पलायन को रोकने के लिए’ और स्थानीय लोगों को घर समीप ही रोजगार देने के लिए इस सिडकुल का निर्माण किया गया था, जिसके चलते भीमताल औद्योगिक घाटी में धीरे-धीरे चहल-पहल बढ़ने लगी और साथ ही एक से एक नामी-जानी कंपनियां भीमताल सिडकुल में स्थापित हुई जिससे कई हजारों परिवारों के लिए रोजगार के द्वार खुले l ब्रजवासी ने कहाँ कि धीरे-धीरे सन् 2000 तक एक के बाद एक कंपनियां अपना प्रॉफिट कमाकर बंद होती गई और यहां से जाती रही। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद सिडकुल वीरान घाटी में तब्दील हो गया अब हाल ये है कि सिडकुल की कई एकड़ भूमि घनी झाड़ियों से पूरी तरह ढक चुकी है,  इन पूर्व की मानी जानी कंपनियों की बिल्डिंग आज खंडहर बन चुकी है ऎसे में जिस उद्देश्य से भारत सरकार ने भीमताल सिडकुल का चयन किया उसका फल यहां के लोगों को नहीं मिल सका l बीते 20 सालों में भीमताल विधानसभा व उसके आस-पास के क्षेत्रों के युवाओं को भीमताल सिडकुल छोड़कर अन्य राज्यों में व तराई के सिडकुल में रोजगार के लिए धक्के खाने पर मजबूर होना पड़ा, ऐसा नहीं है कि भीमताल सिडकुल खुलवाने के लिए लोगों ने कोशिश न कि “उत्तराखंड राज्य निर्माण होने के उपरांत” भीमताल विधानसभा के न जाने कितने जन-प्रतिनिधियों, समाजसेवियों व बेरोजगार युवाओं ने कितनी बार सरकार से माँग की लेकिन ‘सरकार किसी की भी रही हो’ अब तक भीमताल सिडकुल को अनदेखा ही किया गया। बृजवासी ने कहां आज तक सरकार जिस पलायन को रोकने के लिए बड़ी-बड़ी बातें करती है, यहाँ अरबों रुपये के निवेश से स्थापित भीमताल औद्योगिक घाटी इसके लिए कुछ हद तक कारगर साबित हो सकता है बस आवश्यकता है उद्योगपतियों से यहाँ निवेश कराए, औद्योगिक घाटी में सिडकुल विभाग ‘कुशल व अर्ध कुशल’ दोनों के लिए रोजगार के द्वार खोले, साथ ही बृजवासी ने बताया कि आज कई स्थानीय डिग्री धारी युवा अपना खुद का रोजगार खोलने के लिए भीमताल सिडकुल घाटी में प्लाटों की माँग कर रहे हैं ताकि खुद व स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ सके उनके लिए शासन-प्रशासन को शीघ्र जमीन देनी चाहिए ताकि फिर से भीमताल औद्योगिक घाटी के अच्छे दिन आ सके और भीमताल के आस-पास के कई हजारों परिवारों को अपने ही घर समीप रोजगार भी मिल सके।
उन्होंने कहा कि वे स्वयं भीमताल सिडकुल में औद्योगिक इकाइयों को खुलवाने के लिए कई बार शासन-प्रशासन और केंद्र के कई मुख्य प्रतिनिधियों से माँग कर चुके हैं लेकिन इस ओर अब तक विशेष रुचि नहीं ली गई , हाँ एक बार केंद्र से मांग करने में 6 प्लाटों का पूर्व जिला जिलाधिकारी बंसल द्वारा निरस्तीकरण कर सिडकुल द्वारा पुनः आवंटन कराए गए, लेकिन अब शासन-प्रशासन को पुनः सुध लेनी होगी ताकि स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिल सके और उन्हें यहाँ से पलायन बाहर न करना पड़े।