रिपोर्ट – कांता पाल /नैनीताल- उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा की सेवा में लगे हेलीकॉप्टरों के क्रैश होने के मामले पर पेपरों पर छपी खबर का संज्ञान लिया है । मुख्य न्यायाधीश नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने ओरली तौर पर कहा है कि ये हादसे किस कारण से हो रहे हैं । हर साल किसी न किसी एविएशन का हेलीकॉप्टर क्रैश होता है । कुछ सालों में हेली सेवा देने वाली कंपनियों के कई हेलिकॉप्टर क्रैश हुए है। इसलिए राज्य सरकार यह इसके लिए एक ठोस एसओपी जारी करे। जब मौसम ठीक रहता है तभी इसकी सेवा शुरू की जाय। अगर चार धाम का मौसम ठीक नहीं है तो उसको रद्द किया जाए । उड़ान भरने से पहले हेलीकॉप्टर की जांच उसके बाद धामों का मौसम कैसा है उसकी जानकारी लेनी अति आवश्यक है। जब तक मौसम वैज्ञानिकों व हेलीकॉप्टर की देखरेख करने वाले कर्मचारियों की इजाजत नहीं मिल जाती इनको उड़ने की अनुमति नहीं दी जाए ।
आज हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा चार धाम हैली सेवाओं पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
आपको बता दे कि विगत दिनों चारधाम यात्रा में लगे हेलीकॉप्टर के क्रैश लैंडिंग व 15 जून 2024 की सुबह रुद्रप्रयाग जिले के गौरी कुंड खर्क की पहाड़ियों में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो जाने से 7 लोगों की मृत्यु के मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेकर आज कोर्ट की खंडपीठ ने हैली सेवाओं के संचालन के मामले में सुनवाई की।