अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव से भारतीय संस्कृति को मिला बढ़ावा – अशोक सुखीजा

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करनाल –  कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव अशोक सुखीजा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने देश व प्रदेश की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए गीता जन्म स्थली कुरूक्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव आयोजित करके पूरे विश्व में श्री गीता की आस्था को बढ़ावा मिला है और कुरूक्षेत्र तीर्थ की महत्ता के कारण हरियाणा का गौरव बढ़ा है।
 इस बातचीत के दौरान उनके साथ भाजपा के जिला अध्यक्ष जगमोहन आनन्द, भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रवीन लाठर, अमर ठक्कर, कविन्द्र राणा, संजय मदान, अनिल गुलाटी, अशोक मदान, राजू नन्दा, राजबीर शर्मा उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव कुरूक्षेत्र की पावन धरती पर मनाई जा रही है। 25 नवम्बर को महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द जी अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का आगाज करेगे। इस महोत्सव में 25 नवम्बर से 30 नवम्बर तक प्रात: 10 बजे से सायं 6 बजकर 30 मिनट तक ब्रह्मसरोवर, पुरूषोत्तमपुरा बाग, मेला परिसर, ज्योतिसर व पेहवा में विशेष  कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे, प्रतिदिन ब्रह्मसरोवर तट पर महाआरती का आयोजन करवाया जा रहा है। 30 नवम्बर को पुरूषोत्तमपुरा बाग में दीप दान तथा लाईट एण्ड सॉऊंड का आयोजन किया जाएगा। अभिनेत्री हेमामालनी द्वारा राधा रास बिहारी पर नृत्य व डा0 ममता जोशी द्वारा भजन संध्या कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएगें।
उन्होंने बताया कि 17 नवम्बर को महामहिम राज्यपाल द्वारा ब्रह्मसरोवर पर सरस मेले का उदघाटन किया गया। सरस मेले के माध्यम से भारत की संस्कृति को उजागर किया गया है। ब्रहसरोवर के पावन तटों पर भारतीय संस्कृति की महक को दूर-दूर तक महसुस किया जा रहा है। इस महोत्सव में जहां शिल्पकार अपनी शिल्पकला से पर्यटकों को मोहित कर रहे है, वहीं विभिन्न प्रदेशों के लोक कलाकार पर्यटकों का खुब मनोरंजन कर रहे है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में कुरूक्षेत्र को महाभारत स्थली के नाम से प्रचारित किया गया परन्तु वर्तमान सरकार ने कुरूक्षेत्र को गीता जन्मस्थली के नाम से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी है। पिछले वर्ष करीब 20 लाख लोगों ने अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में भाग लिया था, इस वर्ष यह संख्या इससे भी अधिक होने की सम्भावना है। केडीबी द्वारा इस महोत्सव में भाग लेने वाले सभी पर्यटकों को विशेष सुविधा दी जा रही है, अन्य विख्यात तीर्थों की तरह कुरूक्षेत्र का नाम विश्व पटल पर हो, इसके लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे है।