नई दिल्ली – पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी रुकवाने के लिए भारत ने हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट में पिटीशन दायर किया है। कोर्ट में इस मामले में 15 मई को सुनवाई होने के आसार हैं। तब तक कोर्ट ने भारत की पिटीशन मंजूर कर ली। उसने पाकिस्तान से कहा है कि वह आखिरी फैसला होने तक इस मामले में कार्रवाई (फांसी) रोक दे। बता दें कि जाधव को पाकिस्तान की आर्मी कोर्ट ने ही फांसी की सजा सुनाई है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बारे जाधव के परिवार को जानकारी दी। भारत के कई शहरों में बुधवार को फांसी पर रोक की खुशी में मिठाइयां बांटी गईं। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन गोपाल बागले ने बताया कि भारत की ओर से इस मामले की पैरवी सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे करेंगे। भारत की तरफ से साल्वे ने ही 8 मई को पिटीशन दायर की थी। उन्होंने मांग की कि भारत के पक्ष की मेरिट जांचने से पहले जाधव की फांसी पर रोक लगाएं।
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में इसे भारत की बहुत बड़ी जीत बताया है। हालांकि, रोहतगी जाधव की सलामती के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सके।
माना जा रहा है कि कोर्ट 15 मई को सुनवाई शुरू करेगा। तब भारत और पाकिस्तान दोनों की दलीलें सुनेगा। वहीं, नवाज शरीफ ने बुधवार को इस मुद्दे पर आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से बातचीत की।
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में इसे भारत की बहुत बड़ी जीत बताया है। हालांकि, रोहतगी जाधव की सलामती के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सके।
माना जा रहा है कि कोर्ट 15 मई को सुनवाई शुरू करेगा। तब भारत और पाकिस्तान दोनों की दलीलें सुनेगा। वहीं, नवाज शरीफ ने बुधवार को इस मुद्दे पर आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से बातचीत की।
भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट में कहा है कि इंडियन सिटिजन कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा किया गया। उसे बचाव का कोई मौका नहीं दिया। भारत की ओर से उनसे मिलने के लिए 16 बार कोशिश की गई। इसके बावजूद कॉन्टैक्ट नहीं करने दिया गया। पाकिस्तान ने गैरकानूनी तरीके से उन्हें हिरासत में रखा है। उनकी जान को खतरा है।