पटना – बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी के बाद अब बाल विवाह के खिलाफ अभियान आरंभ किया है। इसे लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में कई कदम उठाए गए हैं। ये ताजा मामला पटना का है जहां जिलाधिकारी ने यह आदेश दिया है कि बाल-विवाह में काम करने वाले जैसे बैंड वाला , विवाह करने वाला पंडित या मौलवी, पादरी , कार्ड छापने वाला प्रिंटर साथ ही ऐसे विवाह या इससे जुड़े कई अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी ।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक मंच से दहेज और बाल विवाह के खिलाफ शराबबंदी की तरह अभियान चलाने की बात कही थी। इसके बाद सूबे में इन कुरीतियों के खिलाफ माहौल बनने लगा है। पटना के डीएम ने बुधवार को बाल विवाह उन्मूलन के लिए अनूठी पहल करते हुए सभी धर्म के शादी-विवाह कराने वालों और बैंड-बाजे तथा शादी का कार्ड मुद्रित करने वालों के साथ बैठक की।
बुधवार को पटना में सभी धर्म गुरुओं के साथ एक बैठक हुई जहां सभी ने बाल विवाह ना कराने की शपथ ली वहीं उसी बैठक में जिला अधिकारी संजय अग्रवाल ने ये निर्देश दिया कि बैंड वाले और कार्ड छापने वाले दोनों को ये घोषणा-पत्र में लिखकर देना होगा कि लड़का और लड़की बालिग़ हैं l हर शादी के कार्ड में प्रिंटर का नाम और पता देना होगा l इसका मतलब दूल्हा और दुल्हन में से कोई एक भी नाबालिग़ पाया गया तब सबके ख़िलाफ़ जिसमें बैंड और कार्ड छापने वाला शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी l दहेज का भी विरोध किया जाएगा , आश्वासन दिया कि बाल विवाह रोकने और दहेज प्रथा के विरुद्ध जनजागृति लाएंगे। मंदिरों और कमेटी हॉल पर भी नजर रखी जाएगी।
हालांकि इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए हर स्कूल में अभियान की शुरुआत करने की भी घोषणा की गयी l ग्रामीण इलाक़ों में इस मुद्दे पर जीविका के कार्यकर्ता और अन्य सरकारी पदाधिकारियों को मुस्तेद रहने के निर्देश भी दिये गये हैं l