मुफ्त बस पास जारी करना सरकार के लिए बना मुसीबत

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चंडीगढ़ – हरियाणा में मंत्रियों और अफसरों के चहेताें व कर्मचारियों को हरियाणा रोडवेज के बसाें में यात्रा का मुफ्त पास जारी करने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। हरियाणा विधानसभा में मामला उठा चुके कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में सूचना का अधिकार के तहत मिले दस्तावेजों का पुलिंदा पत्रकारों को दिखाया। दलाल ने बताया कि उन्‍होंने 19 जनवरी को चंडीगढ़ के आइजी के समक्ष आरोपी अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराने को शिकायत दी थी।

यह मामला अब सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा  है। अफसरों की सिफारिश पर ये बस पास जारी तो कर दिए लेकिन इसका कोई नियम या पॉलिसी नहीं है। कांग्रेस विधायक ने पत्रकारों से बातचीत में इस  मामले को लेकर सरकार पर आरोप लगाए । उन्‍होंने कहा कि शिकायत के बावजूद चंडीगढ़ पुलिस द्वारा आरोपी अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब इस मामले को लोकायुक्त और हाई कोर्ट में ले जाने की तैयारी की जा रही है।

उन्‍होंने कहा कि पांच माह बाद भी इस मामले में न तो डीडीआर की गई और न एफआइआर दर्ज की गई है। पिछले माह उन्होंने आइजी को फिर पत्र लिखकर मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
दलाल ने सरकार पर जमकर हमला किया।

दलाल ने कहा, आरटीआइ में मिले जवाब के मुताबिक पिछले साल मुख्यमंत्री सचिवालय और सिविल सचिवालय के अफसरों की सिफारिश पर कुल 658 लोगों को मुफ्त बस पास जारी किए गए। इनमें सीएम हाउस के चपरासी, रसोइया, सफाई कर्मी से लेकर वेटर, पीए, स्टेनो टाइपिस्ट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, क्लर्क, ड्राइवर शामिल हैं। मुख्यमंत्री निवास और सचिवालय के 378, वित्त विभाग के 101, परिवहन मंत्री के 38, मुख्य सचिव कार्यालय के 37 और सीएम के ओएसडी की सिफारिश पर 18 लोगों को बस पास दिए गए।

कृष्ण लाल पंवार , परिवहन मंत्री ने कहा , वर्ष 2015 में 557 और वर्ष 2016 में 628 पास जारी किए गए थे। इस साल जनवरी से अब तक सचिवालय स्टाफ के किसी कर्मचारी को मुफ्त यात्रा पास जारी नहीं किया है। नियम न होने के बावजूद कई वर्षों से यह परंपरा चली आ रही थी जिसे हमने फिलहाल बंद कर दिया है।