करनाल – अवैध या वैध कालोनी का खेल

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करनाल – करनाल में मंगलपुर गांव के पास करीब 15 एकड़ में बनाई गई अवैध कालोनी में सड़कों और प्लाटों की नीवों को नगर निगम की आधा दर्जन जेसीबी मशीनों द्वारा उखाड़ दिया गया l इसके लिए काफी पुलिस बल भी साथ में लाया गया था l हालाँकि चलती कार्यवाही में वहां के लोगों के जबरदस्त विरोध के बाद वहां बने करीब 3 दर्जन से अधिक घरों को छोड़ना पड़ा ,  बताया गया है कि इससे पहले भी प्रशासन द्वारा ऐसी कार्यवाही दो बार की जा चुकी है l

इस कालोनी में घर लेने वाले जरूरतमंद लोगों में से  किसी ने अपनी जिंदगी की पूरी मेहनत की कमाई लगा दी तो किसी ने कहीं न कहीं से उधार लेकर घर खरीदने की रकम को पूरा किया l भूमाफिया ने तो रकम अपनी जेब में रखी और ये खेल कहीं और शुरू करने निकल पड़ा l अब शोर मच गया अवैध कालोनी पर जेसीबी मशीन चलीं , यानि हम सब पहले से ही जानते हैं कि यह कालोनी अवैध है तो इन लोगों ने अपना घर बनाने के लालच में अपनी मेहनत की कमाई को अवैध भूमाफियाओँ की अवैध जगह पर ही क्यों लगाया l इसकी पहले पड़ताल न करने की गलती की वजह से नुकसान करा बैठे l अब लोग कह रहे हैं हमारे पास तो हमारे घरों और प्लाटों की रजिस्ट्रियां हैं l
वहां के वार्ड न- 2 के पार्षद बलविंद्र सिंह ने करनाल के प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उपायुक्त मेरे ही वार्ड में कार्यवाही करवा रहें हैं क्योंकि मैंने शुरू से भ्र्ष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई है l मैं ग्रीवेंसिज कमेटी की मीटिंग में भी इस बात को रख चुका हूँ और यही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री को भी अपने वार्ड से होने वाले भेदभाव के बारे में अवगत करा चुका हूँ l 88 शोरूम कुंजपुरा रोड पर बने हुए हैं किसी ने आज तक कोई कार्यवाही नहीं की l
वहां लोगों का कहना है कि करनाल में  मेरठ रोड, कुंजपुरा रोड, बलड़ी चौक के पास और कई जगह पर  50 से भी अधिक अवैध कालोनियां हैं जिसमें प्रशासन से लेकर नेताओं तक की मिलीभगत है , किसी को भनक भी नहीं लगती वो बिकनी भी शुरू हो जाती हैं और इसी तरह लोग सस्ते के लालच में फंस जाते हैं और ये सिलसिला चलता रहता है l फिर ये अवैध कालोनियां वैध हो जाती हैं , यानि पूरा सिस्टम जो हो रहा है सारे सिस्टम को पता होता है l
बात यहाँ खत्म नहीं हुई कि अवैध कालोनी की सड़कों और प्लाटों की नीवों को जेसीबी मशीनों द्वारा गिराया गया बल्कि यह शुरू हो गई है कि जब ये अवैध प्लाट काटे गए , जब यहाँ बिजली के कनेक्शन दिए गए , जब इन प्लाटों का इंतकाल और रजिस्ट्रियां तहसीलदार और पटवारी , नक्शा नवीस ने की, तब ये जेसीबी मशीन चलाने वाले कहाँ थे l क्या ये सब उनकी जानकारी के बगैर सम्भव हो सकता था , या उनकी मिलीभगत थी l
जिला योजना अधिकारी अमरीक सिंह ने कहा , हमने तहसीलदार को इस कालोनी के बारे में लिखा हुआ था कि ये कालोनी अवैध है यहाँ हमारी एन ओ सी के बगैर रजिस्ट्री न करे l 11 मार्च को भी यहाँ ऐसी कार्यवाही हुई थी तब हमने प्लाट बेचने वाले मालिकों के खिलाफ केस भी रजिस्टर करवाए थे  l