करनाल की किसी भी सडक़ पर अवारा पशु दिखाई नहीं देंगे – डीसी

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करनाल – आगामी 30 जून के बाद करनाल की किसी भी सडक़ पर अवारा पशु दिखाई नहीं देंगे, इसके लिए जिला प्रशासन ने अवारा पशुओं को पकडऩे को लेकर अभियान शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन द्वारा इन सभी पशुओं की शत-प्रतिशत टैगिंग भी सुनिश्चित की जा रही है। यह जानकारी  उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने फूसगढ़ स्थित नन्दीग्राम से अवारा पशुओं को पकडऩे के लिए नगरनिगम के वाहन को हरी झंडी देने उपरांत उपस्थित लोगों मीडिया कर्मियों से बात करते हुए दी। उन्होंने कहा कि वैसे तो अवारा पशु प्रबंधन का कार्य शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा।
डीसी ने कहा कि अवारा पशु प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री  बेहद गंभीर हैं, मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिला प्रशासन इस कार्य में जुट गया है और हर हाल मे आगामी 30 जून तक सभी आवारा पशुओं को कोहंड, फूसगढ़, भादसों और बोहला- खालसा की नन्दीशालाओं में भिजवा दिया जाएगा। फुसगढ स्थित नंदीशाल और गऊधाम की क्षमता लगभग 425 हैं। ये दोनों नगर निगम द्वारा स्थापित किये गए है।
अवारा पशु प्रबंधन को लेकर डीसी ने बताया कि जिला में 19 गौशालाएं, एक नन्दीशाला तथा एक गऊधाम है। इसके अतिरिक्त जिला में तीन नई नन्दीशालाएं स्थापित करने पर कार्य अंतिम चरण में है। भादसों में नन्दीशाला का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, इसमें लगभग 500 नन्दी रखे जा सकेंगे। इसी प्रकार भोला खालसा में बन रही नन्दीशाला की क्षमता लगभग 250 और कोहंड में बनने वाली नन्दीशाला की क्षमता लगभग 500 होगी। इनमें एक-एक ऐसा यार्ड बनाने पर भी विचार किया जा रहा है जिसमें उन पशुओं को उस समय तक रखा जाएगा जब तक वे ठीक नहीं हो जाते। सर्वे के अनुसार नन्दियों की संख्या लगभग 1100 जबकि गायों की संख्या लगभग 375 है। टैगिंग का 98 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है। इस मौके पर विक्रम हुडा डिप्टी डायरेक्टर पशु पालन विभाग ने बताया कि अवारा पशुओं को पकडऩे के लिए सयुंक्त रूप से कर्मचारियों की टीमें गठित कर दी गई हैं और अवारा पशुओं को पकडऩे का काम शुरू कर दिया गया हैं।
डीसी ने कहा कि डेरियों में पशुओं की टैगिंग का कार्य बहुत जरूरी है। कई बार देखने में आया है कि कई लोग दूध निकालने के बाद पशुओं को शहर में छोड़ देते हैं जिसके कारण लोगों को परेशानी होती है। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे डेरियों में टैगिंग का कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूरा करें ताकि कोई डेरी मालिक पशुओं को अवारा ना छोड़ सके। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को यह नजर भी रखनी होगी कि कहीं दूसरे जिले से कोई भी व्यक्ति इस जिला की सीमा में अवारा पशु ना छोड़ जाएं। इस मौके पर नगर निगम के डिप्टी मेयर और गऊधाम के संरक्षक कृष्ण गर्ग ने बताया कि नंदीशाला और गौधाम में चारे की पर्याप्त व्यवस्था है। पेयजल की भी बेहतर सुविधा है। गौमूत्र से साथ लगती जगह में ऑर्गेनिक सब्जियां उगाई जा रही है।