करनाल – पशुओं का भी पंजीकरण हो, और आधार कार्ड बने

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करनाल –  शहर में फिर से बढ़ रही आवारा पशुओं की संख्या से लोगों को जीना दूभर हो रहा है। हादसों को न्यौता देते आवारा पशु बाजारों और सड़कों पर घूम रहे हैं। तीन दिन पहले एक मोटर साईकिल सवार आवारा पशु को बचाने के कारण खुद घायल हो गया l ऐसी घटनाएं हालाँकि आम हैं कि कभी पशुओं के लड़ते लड़ते बाजार में कोई नुकसान हो गया या रात में नज़र नहीं आने से कोई बेकसूर दुर्घटना का शिकार हो गया l   शहर में हर तरफ बढ़ रही इन पशुओं की संख्या बता रही है कि निगम कितना लापरवाह हो चुका है। लेकिन उनका ये मानना है कि ये प्रक्रिया तो चलती रहती है l आए दिन कहीं न कहीं लोग इनकी वजह से घायल हो रहे हैं। जहाँ ये मौजूद हों वहां सड़क पर जाने से अब लोगों को डर लगने लगा है कि न जाने कब सड़क पर कोई आवारा पशु वाहन के सामने आ जाए।
पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कृष्ण गर्ग ने कहा, हमारे पास गौशाला में 600 गायें और नंदीग्राम में 300 नंदी हैं , इस से ज्यादा रखने की जगह नहीं है इनको रखने की क्षमता बढ़ाने वाले हैं उसके लिए नगर निगम द्वारा 2 शेड तैयार करवाए जा रहे हैं वर्क आउट का काम रहता है l गांव के लोग इन्हे शहर में छोड़ देते हैं l
बीते सोमवार के दिन बुढ़ा खेड़ा के पास कुंजपुरा रोड पर दो आवारा पशु बीच सड़क पर मरे हुए पड़े थे ,साथ के दुकानदारों ने बताया ये रात से ही पड़े हैं लगता है कोई ट्रक वाला इन्हे मार गया ,लेकिन मुख्यमंत्री ने सुबह हवाई अड्डे से जाना है तो जल्दी ही उठा दिये गए l बरसात में एक गाय की करंट लगने से मौत हो गई l इनके कारण कब क्या हो जाए किसी को पता नहीं जैसा कि हम सभी इधर उधर से सुनते रहते हैं  l
दुकानदारों का भी यही कहना था कि इधर उधर से लोग छोड़ जाते हैं, वही छोड़े गए पशु आवारा कहलाने लग जाते हैं  l यानि पहले दूध निकालो जब दूध देना बंद कर दें तो सड़क पर छोड़ दो कि अब सरकार संभाले l या फीमेल गाय भैंस को घर में रखो और मेल पशु को पैदा होने के बाद सड़क पर छोड़ दो l क्या उन् जिम्मेदार लोगों को यह नहीं पता कि अपने से छुटकारा तो मिल गया लेकिन क्या पता किसी की इसके कारण दुर्घटना में मौत हो जाए या चोट लग जाए l सरकार या निगम भी अपनी कार्य क्षमता के अनुसार ही ये काम कर पाएंगे, काम के पशु न रहने पर सड़क पर आखिर क्या सोचकर ऐसे लोग गैरजिम्मेदार काम करते हैं l
हालाँकि कुछ लोगों ने तो साफ कहा कि पशु सड़क पर छोड़ने वाले के खिलाफ सख्ती होनी चाहिए ऐसा कानून बने l पशुओं का भी आधार कार्ड बनें जिसकी पूरी डिटेल उनके ऊपर ही अंकित हो l  बिना अंकित या पंजीकरण  किए किसी को पशु पालन की इजाजत भी नहीं होनी चाहिए l इसके लिए पशु विभाग काम करे l ऐसे न किया गया तो इनकी संख्या बढ़ती रहेगी , लोग दुर्घटना का शिकार होते रहेंगे और कोई कुछ नहीं कर पायेगा l
नगर निगम के कमिश्नर राजीव मेहता ने माना कि अभी आवारा पशुओं की संख्या बढ़ रही है , उन्होंने बताया कि इस समस्या के लिए नंबर भी जारी किया हुआ है लोग उसके द्वारा हमें सूचना भी भेज रहे हैं हमारे कैचर उन्हें तुरंत उठा लाते हैं और नंदी ग्राम में छोड़ देते हैं l आवारा पशुओं की टैगिंग भी की जाती है इस सम्बंध में आयुक्त ने बताया कि लोग रात के समय ऐसे पशुओ को किसी ना किसी एरिया में छोड जाते हैं, जिससे वे सडक़ो पर भटकने के लिए आ जाते हैं l  ऐसे पशु कई बार सडक़ दुर्घटनाओ का कारण बन जाते हैं ऐसी कार्यवाही के लिए निगम के पास अपने वाहन और पशु पकडऩे वाली विशेष टीम भी है, सडक़ पर भटकते हुए पशु की सूचना निगम के टोल फ्री नम्बर 1800 180 2700 पर या निगम के व्हाट्सअप नम्बर 80536-30000 पर भी दी जा सकती है।