करनाल – ये अस्पताल जान बचाने वाले नहीं ,जान लेने वाले हैं

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करनाल – इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध ना होने के कारण करीब 75 साल के व्यक्ति की मौत हो गई l जब घर में कोई अचानक बीमार हो जाए और डाक्टरी चिकित्सा  के लिए  अस्पताल में जाना ही परिवार का एकमात्र सहारा होता है जो ऐसे समय पर भगवान मान लिए जाते हैं लेकिन अधिकतर अस्तपाल सिर्फ नाम के ही रह गए है जिन्हे सिर्फ व्यवसाय से मतलब है और रही बात इंसानियत की वो तो इनके कर्मचारियों में , डाक्टरों में दूर दूर तक नहीं l
यानि ये अस्पताल भी अब बाजार में खुली एक दुकान की तरह हो गए हैं  l पीड़ित परिवार ने बताया कि उन्होंने एम्बुलेंस के लिए कई इमरजेंसी नंबर भी डायल किए लेकिन किसी ने नहीं उठाया l फिर घर से कुछ ही कदमों की दूरी पर स्थित दोनों अस्पतालों में गये लेकिन उन्होंने घर आने से मना कर दिया कि हम घर नहीं आएंगे , इतना सब होते होते सब कुछ खत्म हो गया l जब किसी दूसरे अस्पताल में ले जाया गया तो उन्होंने बोला आप 10 मिनट देर से आये l
अब सवाल इस बात का है कि इस बात का फर्क सिर्फ परिवार को पड़ा कि उन्होंने इस कारण अपने पिता को खो दिया और आज इस परिवार का सदस्य इसकी चपेट में आ गया , ऐसे हालात से ये पता चलता है कि कभी किसी के साथ भी ऐसा हो सकता है l क्या मेडिकल सुविधा उपलब्ध होने के नाम पर समाज वालों को, जनता को सिर्फ धोखा दिया जाता है और अच्छी भली जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो जाता है l इस बात का मलाल परिवार को हमेशा रहेगा कि इमरजेंसी सुविधा न मिलने के कारण उनके पिता की जान चली गई l और बेशर्मी की हद जब हो गई तब परिवार के सदस्य ये पूछने अगले दिन इन दोनों अस्पतालों में गए और इनमें से एक अस्पताल की डाक्टर तो गलती भी मान रही थी  लेकिन दूसरे की डाक्टर फिर भी अकड़ कर बोलती रही उसकी इतनी बेशर्मी देखकर लगा ये डाक्टर नहीं हैं बल्कि राक्षस हैं l