खेमका ने अपने ही मंत्री को पढ़ाया ईमानदारी का पाठ

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चंडीगढ़ – हरियाणा के ईमानदार, तेज तरार अधिकारी और  विभागीय प्रिंसिपल सेक्रेटरी अशोक खेमका मंत्री को पत्र लिखे जाने को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में है l  इस बार उन्होंने हरियाणा के मंत्री कृष्ण कुमार बेदी के खिलाफ मोर्चा खोला है l  एक जीप के दुरुपयोग को लेकर खेमका और राज्य के सामाजिक न्याय एवं महिला सशक्तिकरण मंत्री कृष्ण कुमार बेदी के बीच में ठन गई है l

खेमका का आरोप है कि मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने गलत तरीके से अपने ही विभाग की जीप का न केवल साल भर दुरुपयोग किया, बल्कि इसके लिए कोई मंजूरी लेना भी ठीक नहीं समझा l अशोक खेमका जिस जीप की बात कर रहे हैं, वह अंबाला के जिला समाज कल्याण विभाग की है l  बेदी इस जीप का दुरुपयोग एक साल से भी ज्यादा समय तक करते रहे l  दिलचस्प बात यह है कि यह जीप जिस अधिकारी को सरकारी कामकाज के लिए दी गई थी, वह पैदल ही दौरा करके अपने कामकाज निपटाते रहे हैं l

इतना ही नहीं, मंत्री ने बार-बार मांगे जाने के बाद भी जीप को वापस लौटाना ठीक नहीं समझा l  लिहाजा मजबूर होकर अशोक खेमका को उनके खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा l  कृष्ण कुमार बेदी ने यह जीप 29 सितंबर 2016 को मांगी थी l  जब जिला अधिकारियों के कहने पर मंत्री ने जीप नहीं लौटाई, तो मामले को संबंधित विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अशोक खेमका के समक्ष भेजा गया l

खेमका ने शुक्रवार को लिखे पत्र  में कहा है कि मंत्री होने के नाते आपको दो गाड़ियां अलॉट हैं। फिर भी ऑफिस स्टाफ को व्हीकल्स की जरूरत है, तो आप सक्षम अधिकारी से बात करके और गाड़ियां अलॉट करवा लें। आप राज्य मंत्री होने के नाते खुद ही सरकार हैं, चाहे जितनी गाड़ियां रखें। कौन मना करता है।
-खेमका ने संविधान का जिक्र करते हुए कहा है कि हमेशा ताकतवर को कमजोर की रक्षा करनी चाहिए। अच्छा चरित्र कानून का पालन करने से बनता है न कि उसका उल्लंघन करने से। जब हम सेवा में आते हैं तो शपथ लेते हैं कि बिना किसी राग-द्वेष या पक्षपात के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।

सरकारी जीप के दुरुपयोग से नाराज अशोक खेमका ने मंत्री को न सिर्फ जीप लौटाने के लिए कह दिया, बल्कि उन दो कारों का भी हवाला दिया, जो उनको अधिकृत रूप से सरकार की तरफ से दी गई हैं l  खेमका ने मंत्री को ईमानदारी का पाठ पढ़ाने के लिए बाकायदा यह भी लिखा कि बलवान को हमेशा कमजोर की रक्षा करनी चाहिए और चरित्र की शक्ति कानून का पालन करने में होती है, न कि उसे तोड़ने में l

खेमका ने मंत्री को यह भी याद दिलवाया कि उन्होंने पब्लिक सर्विस में भर्ती होने के वक्त एक कसम उठाई थी कि वह संविधान के प्रति वफादार रहेंगे और सभी उत्तरदायित्वों को निभाते हुए बिना किसी डर के अपनी सेवाएं देंगे l हालांकि बताया गया है कि उन्होंने गुरुवार को ही विभागीय वाहन लौटा दिया है l