नैनीताल -उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने राज्य में बन रही सभी जल विध्युत परियोजनाओं पर रोक लगाई

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रिपोर्ट – कान्ता पाल/ नैनीताल – उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने आज राज्य में बन रही सभी जल विध्युत परियोजनाओं पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने सभी जिलों के डीएम को आदेश दिये है कि 8 हफ्तों के भीतर पावर प्रोजेक्टों के मलवा निस्तारण के लिये डम्पिंग जोन बनाएं ,अगर ऐसा नहीं करते है तो उसके लिये डीएम जिम्मेदार होंगे। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सभी नदियों में 50 प्रतिशत पानी बहता रहना चाहिये ताकि कोई दिक्कत ना हों। कोर्ट ने नदियों के बहाव के सबसे उच्च क्षेत्र से 500 मीटर दायरे तक मिट्टी पत्थर ना ड़ालने के आदेश जारी किये है।
आपको बता दें  रुद्प्रयाग की हिमाद्री जनकल्याण समिति ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों में पावर प्रोजेक्ट बनाये जा रहे हैं जिनके द्वारा नदियों में ही मलवे का निस्तारण किया जा रहा है, कार्तिक हरि गुप्ता अधिवक्ता हाई कोर्ट नैनीताल ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि इससे ना सिर्फ पर्यावरण को खतरा बना है बल्कि बारिश के दौरान बाढ और जलजले का भी खतरा है। सुनवाई के दौरान डीएम रुद्रप्रयाग ने अपने जवाब में ये भी कहा कि 2008 में मलवा निस्तारण के लिये डम्पिंग जोन बनाये गये थे जो 2013 की आपदा के दौरान बह गये थे। मामले को सुनने के बाद हाई कोर्ट की खंडपीठ ने आदेश पारित किया है।