नैनीताल – सड़को पर उतरे व्यापारी

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रिपोर्ट – कान्ता पाल/ नैनीताल – उत्तराखण्ड के हिल स्टेशनों में इन दिनों ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन चरम पर है, लेकिन पुलिस पर्यटकों को वाहन लेकर उनके पसंदीदा पर्यटक स्थल तक पहुंचने नहीं दे रही है । ऐसे में पुलिस के इस कदम का चौतरफा विरोध हो रहा है ।
नैनीताल की माल रोड में ट्रैफिक जाम होने के कारण एक जनहित याचिका को सुनते हुए उच्च न्यायालय ने जिला प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिए हैं कि जाम की स्थिति में नैनीताल आने वाले वाहनों को नीचे ही रोक दिया जाए । निर्देशों का पालन करते हुए नैनीताल आने वाले वाहनों को काठगोदाम, कालाढूंगी और भवाली तिराहे पर ही रोक दिया जा रहा है । हालांकि पुलिस का कहना है कि नैनीताल शहर में पार्किंग की स्थिति होने पर पर्यटकों के वाहनों को संख्या के आधार पर छोड़ा जाता है । अब ऐसे में चंद दिनों के सीजन में यहां के व्यापारियों को सीजन में मिलने वाली रोजी रोटी से मरहूम रहना पड़ सकता है ।
नैनीताल व आसपास के पर्यटक स्थलों में पर्यटक गर्मी से बचने के लिए हर वर्ष पहुंचते हैं । मैदानों की चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए हजारो की सख्या में लोग परिवार समेत हिल स्टेशनों में रुख करते हैं । इनके यहां पहुंचने से यहां के स्थानीय लोगों का रोजगार भी चलता है । राज्य की बड़ी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है । केवल 20 से 30 दिन के इस ग्रीष्मकालीन सीजन के बाद यहां पर्यटक 15 अगस्त, दशहरा, दीवाली, क्रिसमस व न्यू ईयर और 26 जनवरी के मौकों पर 2 – 3 दिनों के लिए घूमने आते है जिससे यहां ना केवल रोजगार बल्कि कई लोगों की आजीविका भी चलती है । वर्षभर में यहां के व्यवसाइयों को पर्यटन से 50 से 60 दिनों का सीजन मिलता है ।
नीरज जोशी, अध्य्क्ष टैक्सी संगठन ने बताया कि ऐसे में अगर यहां सीजन के दौरान पर्यटकों के आवागमन पर ब्रेक लग गया तो रोजगार के साथ पहाड़वासियों की आजीविका भी प्रभावित हो सकती है । यहां पलायन बढ़ने की आशंका हो जाएगी। व्यापारियों का कहना है कि पुलिस बेवजह यात्रियों के वाहन रोक रही है। सभी व्यवसायिक संगठनों से जुड़े लोगो ने आपातकालीन बैठक बुलाकर एकजुट होकर नैनीताल समेत अन्य पर्यटक स्थल बन्द करने की धमकी दी है ।  हरवीर सिंह, ADM, नैनीताल ने कहा , नैनीताल घूमने का सपना लेकर रास्ते में रोके गए पर्यटकों को भी नैनीताल पहुंचने में अपना बहुमूल्य समय गंवाना पड़ा जिसका उन्हें गहरा दुख है।