नैनीताल – ज़ू में विलुप्तप्राय श्रेणी के नन्हे फिजेंट

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कान्तापाल/ नैनीताल – उत्तराखण्ड के उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान में ज़ू प्रबंधन के प्रयासों से विदेशी पक्षियों समेत प्रथम नंबर की विलुप्तप्राय श्रेणी की रेड जंगल फाउल के सफलतापूर्वक अण्डे से बच्चे बनाने का परीक्षण किया है । ज़ू के निदेशक मीना और चिकित्सक ने अपनी टीम के साथ आई.सी.यू.को उस स्तर का बनाकर हैचिंग कराई है । टीम के डॉक्टर योगेश भारद्वाज ने बताया कि पहले तो प्रजाति के सही नर और मादा का चयन किया गया जिसके बाद उन्हें एक साथ रखा गया । अण्डे होने के बाद उन्हें आई.सी.यू. में 32 डिग्री तापमान में रखा जाता है । अंडों को तोला और फिर उसके अंदर की हलचल पर नजर रखी जाती है । इस बार सात अण्डों को रखा था गया था जिसमें से अभी तक तीन अंडों में से बच्चे हो चुके हैं ।
ज़ू की मेहनत से अभी रेड जंगल फाउल(शिड्यूल वन) के तीन बच्चे हुए हैं जो नार्थ ईस्ट समेत कुछ और पहाड़ी क्षेत्र में पाए जाते हैं । इसके अलावा सिल्वर फीसेंट चीन और थाईलैंड(साउथ ईस्ट एशिया)में पाए जाते हैं जिन्हें भारत के चिड़ियाघरों में रखा जाता है । जिनमें कलीज फीसेंट, पीकॉक समेत अन्य फीसेंट पक्षी हैं जो दिखने में बहुत सुंदर हैं । उन्होंने बताया कि जंगल में इन पक्षियों का सर्वाइवल रेट केवल 35 प्रतिशत होता है जबकी ज़ू के आई.सी.यू.में इसका सर्वाइवल रेट 75 प्रतिशत से अधिक हो गया है । अब ऐसे में इन पक्षियों की संख्या बढ़ने की संभावना बहुत अधिक हो गई है ।