पोलिथीन का प्रयोग जीवन के लिए काफी खतरनाक-उपायुक्त

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करनाल –   उपायुक्त डा0 आदित्य दहिया ने कहा कि पोलिथीन का प्रयोग करना जीवन के लिए काफी खतरनाक है। पोलिथीन ऐसा पदार्थ है, वह ना गलता और ना ही सडता है बल्कि जमीन पर गिरने के बाद, जमीन के अंदर पानी के रिचार्ज होने को भी रोकता है। जिससे जमीन की उपजाऊ शक्ति नष्ट होती है।
उपायुक्त सोमवार को संगोहा गांव के राजकीय सीनियर सकैन्डरी स्कूल में विद्यार्थियों व ग्रामीणों को पोलिथीन के प्रयोग से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पोलिथीन ऐसा जहर है, जिसके प्रयोग से ना केवल मनुष्य में बल्कि पशुओं में भी कई जानलेवा बिमारी हो रही है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे पोलिथीन के बैग का प्रयोग ना करे और ना ही अनावश्यक जगह इन पोलिथीनों को फैके। उन्होंने कहा कि दुकान से सामान लाने के लिए कागज व जूट के थैलों का प्रयोग करे। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि वे अपने गांव संगोहा को 26 जनवरी से पहले पोलिथीन मुक्त बनाने में सहयोग करें, घर-घर जाकर पोलिथीन से होने वाली हानि के बारे में जानकारी दें। उपायुक्त ने स्कूल के विद्यार्थियों की जागरूक रैली को भी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली गांव के सभी गलियों में पोलिथीन मुक्त व स्वच्छ गांव बनाने के नारे लगाते हुए गांव के मुख्य मार्गों से होती हुई वापिस स्कूल में पहुंची। राजकीय स्कूल संगोहा की दसवीं कक्षा की छात्रा मुस्कान व प्रीति ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त निशांत कुमार यादव, सीटीयू अभिषेक मीणा, बीडीपीओ अंकित चौहान, पीओ नरेश कुमार, डीपीएम राजकुमार संधू, सहायक समन्वयक राजीव शर्मा, स्कूल की प्रिंसीपल सुमित्रा शर्मा, संजीव सैनी सहित गांव के सरपंच परमजीत सिंह व पंच उपस्थित रहें।

उपायुक्त आदित्य दहिया ने कहा कि 26 जनवरी तक जिला के हर गांव को पोलिथीन मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। इस अभियान की सफलता के लिए हर नागरिक के सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को किसी चीज के प्रयोग करने से पहले उसके लाभ और हानि के बारे में जानकारी लेनी जरूरी है। उन्होंन कहा कि सरकार जो अभियान चलाती है उसके पीछे केवल जनहित जुडा होता है।हम सबने ठाना है गांव को पोलिथीन मुक्त बनाना है। इस आवाज को बुलंद करने के लिए राजकीय सीनियर सेकैन्डरी स्कूल संगोहा के छात्र-छात्राओं ने गांव में रैली के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक किया। उन्होंने गांव की भाषा में ही स्वच्छता रैली के स्लोग्र तैयार किए ताकि ग्रामीणों को आसानी से रैली के उदेश्य की जानकारी मिल सकें।