प्रधानमंत्री नरसिम्‍हाराव के दौर में चर्चित हुए तांत्रिक चंद्रास्‍वामी का निधन

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नई  दिल्ली – तांत्रिक चंद्रास्वामी का मंगलवार (23 मई) को निधन हो गया। चंद्रास्वामी 66 साल के थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंद्रास्वामी काफी दिनों से डायलसिस पर थे। पिछले दिनों उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी जिसके बाद उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। चंद्रास्वामी का जन्म 1948 में हुआ था। उनका असली नाम नेमी चंद था। वह अपने तंत्र-मंत्र को लेकर भी विवादों में रहे। उनके पिता राजस्थान के रहने वाले थे। चंद्रास्वामी पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप भी लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनको कई मामलों में जुर्माना देने को कहा था।

नरसिम्हाराव चंद्रास्वामी को अपना आध्‍यात्मिक गुरू मानते थे। 1991 में जब नरसिम्हाराव देश के पीएम बने तो उसके कुछ ही दिनों बाद चंद्रास्वामी ने दिल्‍ली में अपना आश्रम बनाया। उस समय कहा गया कि, आश्रम की जमीन इंदिरा गांधी ने दी थी। नरसिम्हाराव जब आंध्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे तो उसी दौराने चंद्रास्वामी उनसे मिले थे। दो-चार मुलाकातों के बाद चंद्रास्वामी ने राव को प्रभावित कर दिया था। इसके बाद उन्हें हैदराबाद युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया। 948 में राजस्थान के अलवर जिले के एक जैन परिवार में पैदा हुए चंद्रास्वामी का असली नाम नेमिचंद था। अचानक से एक दिन पता चला कि नेमीचंद्र जैन ने अपना नाम बदलकर चंद्रास्वामी रख लिया। चंद्रास्वामी खुद को अमर मुनि नामक एक साधु के शिष्य बताते थे। कुछ दिन बाद अपनी पहचान गुरू चंद्रास्वामी के रूप में बना ली। इसके बाद नेता, अभिनेता, पूंजीपति सभी उसके जाल में फंसते चले गए।उनका दावा था कि बिहार-नेपाल सीमा पर तांत्रिक साधना करके लौटे हैं।

वैसे तो बड़े-बड़े नेताओं से लेकर अभिनेताओं तक तांत्रिक चंद्रास्‍वामी के भक्‍तों की लंबी फेहरिस्‍त थी लेकिन इनमें एक प्रमुख नाम ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का भी था. इस संबंध में पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी किताब ‘वॉकिंग विद लायन्‍स-टेल्‍स फ्रॉम अ डिप्‍लोमेटिक पास्‍ट’ में लिखा है कि उनके माध्‍यम से 1975 में वह ब्रिटेन में मार्गरेट थैचर से मिले थे और उस मुलाकात में ही यह घोषणा कर दी थी कि वह अगले तीन-चार साल में प्रधानमंत्री बनेंगी और यह बात सही साबित हुई.   चंद्रास्‍वामी का विवादों से भी नाता रहा. लंदन के बिजनेसमैन से एक लाख डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में 1996 में उनको जेल भी जाना पड़ा. उनके ऊपर विदेशी मुद्रा उल्‍लंघन यानी फेमा के कई मामले भी चले.