रिपोर्ट – नसीम अहमद /बिजनौर – सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे के साथ गरीबी हटाओ की भी बात कर रही है सरकार की तरफ से कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं गरीबी रेखा के अंतर्गत जीवन यापन करने वाले परिवारों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है लेकिन लगता है ये इन सारी योजनाओं का फायदा उन तक नहीं पहुच पा रहा है l हक़ीक़त में जिनको इसकी जरूरत है ये अनाज भी काला बाज़ारी हो रहा है यानि गरीबो के माल पर भी धन्ना सेठ नज़र गड़ाए हुए हैं. ये ही वजह है कि इस तरह के हादसे अब बढ़ते जा रहे हैं l ये मामला है बिजनौर के गांव बैरम नगर का जहां एक कुसुम नाम की महिला रोजमर्रा की तंगहाली, गरीबी और भूख मरी से परेशान थी घर की परेशानी से आए दिन का झगड़ा भी रहता था l वही पति सुखबीर मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता है l गांव के प्रधान ने बताया कि महिला के पास पिछले 3 दिन से खाने को आटा भी नहीं था लेकिन महिला काफी खुद्दार थी और उसने अपनी परेशानी किसी से बताना गवारा नहीं की l महिदपुर के प्रधान राजेंद्र सिंह नेगी ने यही बात कही कि यह गरीबी से परेशान थी और गरीबी से तंग आकर उसने यह कदम उठाया है महिला के 4 बच्चे हैं जिसमें से दो स्कूल गए हुए थे और दो लड़कियां निशा और खुशी उसके पास ही थी जिनकी उम्र 9 वर्ष और 11 वर्ष है महिला ने दोनों बेटियों को जहर दिया और फिर खुद भी जहर खा लिया जिससे महिला और नौ वर्ष की खुशी की उपचार के दौरान मौत हो गई जबकि एक बच्ची मौत और जिंदगी के बीच अस्पताल में भर्ती है l