भविष्य में भाजपा को ‘भूल जाओ पार्टी’ के नाम से याद किया जायेगा – दीपेन्द्र हुड्डा

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करनाल – आज करनाल में खेल टूर्नामेंट में बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे सांसद दीपेन्द्र हुड्डा का बड़ी तादाद में लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। सांसद ने सबका धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हुए कहा कि परंपरागत खेल हमारी सभ्यता का हिस्सा हैं और हमारे खिलाड़ियों ने इन खेलों में न सिर्फ देश का नाम रौशन किया है बल्कि विश्व में हरियाणा को गौरवान्वित करने का काम किया है।
बातचीत के दौरान मौजूदा भाजपा सरकार की कार्यशैली पर कटाक्ष करते हुए सांसद ने कहा कि इस सरकार को भूलने की बीमारी है और भविष्य में भाजपा को लोग ‘भूल जाओ पार्टी’ के नाम से याद करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व भाजपा ने लोगों से बड़े-बड़े वादे किये थे कि ‘अच्छे दिन’ आयेंगे, हर साल युवाओं के लिये दो करोड़ नौकरियाँ निकालेंगे, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कर किसानों को उनके फसल की लागत के ऊपर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर देंगे, विदेशों से काला धन वापस लाकर हर व्यक्ति के खाते में 15-15 लाख जमा करेंगे। चुनाव बीत गये और लोगों ने प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनवायी, मगर तीन साल बाद भी लोग भाजपा सरकार के अपने ही वादों के पूरा होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि भाजपा अपने ही वादों को भूल चुकी है।

इसी प्रकार हमने हुड्डा सरकार के कार्यकाल में पूरे प्रदेश में विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थानों का जाल बिछाया था। जिसमें रोहतक में आईआईएम जैसे संस्थान शामिल हैं। मगर बड़े अफसोस की बात है कि तीन साल में IIM जैसे नये संस्थान लाना तो दूर की बात है, राष्ट्रीय स्तर के जितने शिक्षण संस्थान हम खुलवाकर गये थे मौजूदा भाजपा सरकार उनकी गिनती भी नहीं कर पायी और चल रहे संस्थानों को भी भूल गयी।

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश ने हुड्डा सरकार के दस साल के कार्यकाल में ढांचागत विकास पर तीव्र गति से काम हुआ था। चाहे रेलवे लाइन हो, राष्ट्रीय राजमार्ग, मेट्रो के विस्तार का काम हो, चिकित्सा क्षेत्र के विस्तार का काम हो हर क्षेत्र में बड़ी परियोजनाओं पर पूरी ईमानदारी से योजना बनाकर समयबद्ध तरीके से काम किया गया। पूरे प्रदेश में आम जनहित से जुड़ी लाखों करोड़ रुपये की परियोजनाएं मंजूर करायी गयीं और उन पर काम किया गया। लेकिन, सरकार बदलने के बाद से अब हालत ये है कि हमारे समय की डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा की लागत वाली महत्त्वपूर्ण मंजूरशुदा परियोजनाएं लंबित पड़ी हैं। इन्हें भी यह सरकार भूल गयी है।