मंदसौर – मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत से बने तनाव के बीच शुक्रवार को 10 से 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है ताकि लोग अपने घरों से बाहर निकलकर रोजमर्रा की जरूरत के सामान ले सकें. दूध, सब्जियों के अलावा पेट्रोल पंप, एटीएम भी आज खुलेंगे. गुरुवार को भी थोड़ी देर के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी. इससे पहले गुरुवार को भी मालवा के शाजापुर में हिंसा भड़क गई. कई जगहों पर पुलिस पर पथराव, तोड़फोड़ और आगज़नी हुई. इसके बाद वहां सोशल मीडिया पर पाबंदी लगा दी गई. हिंसा फैलाने और डीएम के साथ मारपीट के आरोप में 82 लोगों को गिरफ़्तार किया गया. मंदसौर के डीएम, एसपी और रतलाम के डीएम का ट्रांसफ़र कर दिया गया l
वहीं गुरुवार को मंदसौर में पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पुलिस द्वारा ऐहतियातन गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि इसके बाद उन्हें जमानत मिल गई. पुलिस ने उन्हें इस शर्त पर पीड़ित परिवारों से मिलने की इजाज़त दी कि वो राजस्थान की सीमा में उनसे मिलेंगे.रिहाई के बाद राहुल गांधी राजस्थान की सीमा में पीड़ित परिवारों से मिले. इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यहां लोगों पर गोली चलाई गई, लेकिन सरकार ने कहा कि गोली नहीं चलाई गई.. सरकार झूठ बोल रही है. यहां मैं पीड़ित से मिलने आया हूं तो इसमें क्या गलत है. मैं आरएसएस का आदमी नहीं हूं. मैं देश में कहीं भी जा सकता हूं. उन्होंने आगे कहा कि यूपी, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और अन्य कई जगहों पर किसान परेशान हैं. भाजपा की सरकार के पास लाखों करोड़ रुपया पड़ा है, लेकिन वो उसे किसानों को न देकर सिर्फ ’50 लोगों’ को देना चाहती है l
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने स्वीकार किया है कि मंगलवार को प्रदेश के मंदसौर जिला स्थित पिपलिया मंडी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान पांच किसानों की मौत पुलिस फायरिंग से हुई है। इससे पहले पिछले दो दिनों से प्रदेश सरकार पुलिस फायरिंग से इनकार कर रही थी. इस पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत होने के साथ-साथ छह अन्य किसान घायल भी हुए थे. इसके चलते राज्य के पश्चिमी भाग में अपनी उपज का वाजिब दाम लेने सहित 20 मांगों को लेकर एक जून से आंदोलनरत किसान अब मध्यप्रदेश सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई करने पर उतर आए हैं i