महानायक अर्जन सिंह को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

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नई दिल्ली –  मार्शल ऑफ द इंडियन एयरफोर्स अर्जन सिंह को पूरे राजकीय सम्मान के साथ लड़ाकू विमानों के फ्लाईपास्ट और बंदूकों की सलामी के बीच अंतिम विदाई दे दी गई l भारतीय सेनाओं के इतिहास में पूर्व थल सेना प्रमुखों फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ तथा फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा के बाद अर्जन सिंह मात्र ऐसे तीसरे अधिकारी थे, जो पांच सितारा रैंक तक पहुंचे, जबकि वायुसेना के इतिहास में वह पांच सितारा रैंक तक पहुंचने वाले पहले और एकमात्र अधिकारी रहे l

इससे पहले रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घर जाकर अर्जन सिंह के अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्जन सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा, थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे।

अर्जन सिंह को श्रद्धांजलि देने वालों में वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय मंत्री और पूर्व थलसेना प्रमुख वीके सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी और कांग्रेस सांसद कर्ण सिंह में शामिल हैं।

अर्जन सिंह का जन्म 15 अप्रैल, 1919 को अविभाजित पंजाब के लायलपुर में हुआ था, जो अब पाकिस्तान के फैसलाबाद में है. उनके पिता रिसालदार थे व डिवीजन कमांडर के एडीसी के रूप में सेवारत थे l ब्रिटिश भारत के में मॉन्टेगोमरी में प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने वाले अर्जन सिंह ने 1938 में क्रैनवेल के रॉयल एयरफोर्स कॉलेज प्रवेश लिया, और दिसंबर, 1939 में उन्हें एक पायलट अधिकारी के रूप में नियुक्ति दी गई l वर्ष 1944 में उन्हें प्रतिष्ठित फ्लाइंग क्रॉस (डीएफसी) से सम्मानित किया गया और 1945 में उन्होंने भारतीय वायुसेना की प्रथम प्रदर्शन उड़ान की कमान संभाली l अर्जन सिंह को एक बार कोर्ट मार्शल का भी सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने फरवरी, 1945 में केरल के एक आबादी वाले इलाके में बहुत नीची उड़ान भरी. उस वक्त उन्होंने यह कहते हुए अपना बचाव किया था कि वह एक प्रशिक्षु विमानचालक (बाद में एयर चीफ मार्शल दिलबाग सिंह) का मनोबल बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे l

वर्ष 1969 में एयर चीफ मार्शल के पद से सेवानिवृत्त हुए अर्जन सिंह को 26 जनवरी, 2002 को पांच सितारा रैंक, यानी मार्शल ऑफ द इंडियन एयरफोर्स के रूप में पदोन्नत किया गया l