संयुक्त राष्ट्र दिवस पर आपसी सौहार्द की भावना को मजबूत करने का संकल्प लिया

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करनाल – दुनिया के देशों में आपसी समन्वय और सामजस्य का सद्भाव बुनियादी स्तर पर स्थापित करने के लिए आज ही के दिन 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई थी ताकि दुनिया के देशों में किसी भी प्रकार की युद्ध जैसी स्थिति  को बातचीत के माध्यम से हल किया जा सके। यह बात संयुक्त राष्ट्र दिवस के अवसर पर  स्थानीय लघु सचिवालय की छत पर संयुक्त राष्ट्र का ध्वज फहराने उपरान्त एसडीएम नरेन्द्र मलिक ने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कही।  एसडीएम ने कहा हम सभी को इस मौके पर आपसी सौहार्द की भावना को मजबूत करने के लिए संकल्प लेने की जरूरत हैं।

एसडीएम ने कहा कि जिस उद्धेश्य को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई थी उसके पीछे मानवता और प्राणी मात्र को सुरक्षित रखने की भावना थी लेकिन आज भी विश्व स्तर पर विभिन्न देशों में असुरक्षा की भावना इस बात की ओर इशारा करती है कि   यू.एन.ओ को अपने आधारभूत सिद्धान्तों को पूर्ण रूप से लागू करवाने में और बेहत्तर प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पूर्व में विश्व में दो महायुद्ध हुए जो आज भी मानवता के लिए दु:खदायी है। इनके बाद कई देशों के आपसी युद्ध हुए जिनसे व्यक्ति और सम्पति का भारी नुकसान हुआ और आपसी सोहार्द की भावना  की कमी से नफरत पैदा हुई। उन्होंने कहा कि युद्ध कैसा भी हो इसके परिणाम घातक ही रहे हैं। युद्ध से पहले और इसके बाद की स्थिति हमेशा खौफनाक रही है जो मानवता को शान्ति की स्थापना के लिए कदम उठाने के लिए विवश करती रही है।

संयुक्त राष्ट्र संघ की जरूरत और इसकी पृष्ठभूमि का स्मरण करते हुए  एसडीएम  ने कहा कि विभिन्न युद्धों के बाद शान्ति की स्थापना के लिए 20वीं सदी मेंं विनाश को रोकने के लिए लीग आफ नेशनज की स्थापना 1920 में की गई थी। इसका प्रमुख उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय झगड़ों का शान्तिपूर्ण समाधान करना था ताकि आने वाली पीढिय़ों को युद्ध की विभीषिका से बचाया जा सके परन्तु राष्ट्र संघ अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल नहीं हो पाया। इसके  बाद द्वितीय महायुद्ध होने से मानवता को भारी क्षति उठानी पड़ी और विश्व की स्थिति दुख दर्द में बदल गई। तदोपरान्त मानवता की रक्षा के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय शक्तिशाली संगठन बनाने के प्रयास प्रारम्भ हुए। अन्तत: 24 अक्तूबर 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई। तब से लेकर आज तक 24 अक्तूबर का दिन यू.एन.ओ डे के रूप में मनाया जाता है और अब इसका प्रमुख उद्देश्य मानवता को तीसरे महायुद्ध से बचाना है। एसडीएम ने कहा है कि विश्व स्तर पर विभिन्न देशों के बीच सम्बन्ध जग जाहिर है। इससे इस दिवस की भूमिका और बढ़ जाती है। इसके लिए जरूरी है कि एक व्यक्ति दूसरे के प्रति सौहार्द की भावना रखे तथा शान्ति को कायम रखने के लिए चिन्तन करें। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध, सहयोग, समन्वय, समानता और समप्रभुसता सम्पन्न जैसे सिद्धान्त तभी ही कायम रह सकते है जब समाज से बुराईयां और कुरीतियां समाप्त होंगी। इस मौके पर एसीयूटी अभिषेक , डीएसपी राजेश कुमार, सीएमजीजीए शैलिजा, एआईपीआरओ रघुबीर, एआईपीआरओ बलराम सहित सम्बधित  विभागो के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।