कौशल / कुल्लू – हिमाचल पथ परिवहन निगम ने जहां प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों की शुरूआत की है वहीं, वेदेज गु्रप ने पहली बार हिमाचल प्रदेश के इतिहास में ई-रिक्शा व ई.वाहन का सफल ट्रायल किया है। यह ट्रायल गुरूवार को कुल्लू जिला मुख्यालय के समीप देवधाम में करवाया गया। इस मौके पर एसपी कुल्लू शालिनी अग्रिहोत्री मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रही। आरएम कुल्लू मंगल चंद मनेपा,डीपीआरओ कुल्लू शेर सिंह शर्मा,एपीआरओ कुल्लू ,अनिल गुलेरिया व नॉर्थ इंडिया पत्रकार एसोसिऐशन के प्रधान धनेश गौतम विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस अवसर पर वेदेज गु्रप के फाउंडर राम शर्मा ने ई-रिक्शा व ई-वाहनों की जानकारी दी। इस अवसर पर वेदेज गु्रप के कंट्री हैड नवनीश चोपड़ा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर मुख्यातिथि शालिनी अग्रिहोत्री ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि भविष्य में पर्यावरण
फ्रेंडली वाहनों का ही प्रचलन होगा। उन्होंने कहा कि पथ परिवहन निगम ने जहां इस तरह के बड़े वाहनों की शुरूआत की है व वेदेज गु्रप ने जिस तरह से छोटे वाहनों ई-रिक्शा, ई.स्कूटी, ई.लोडर, ई.कार का प्रचलन शुरू किया है वह काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह के ही वाहनों का प्रचलन होगा क्योंकि हिमालय को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को पर्यावरण के दुष्प्रभावों से बचाना है। इस अवसर पर वेदेज गु्रप के फाउंडर राम शर्मा ने बताया कि अभी तक ई.रिक्शा व ई.वाहन देश के 14 राज्यों में चल चुके हैं और उम्मीद है कि भारत सरकार की योजना के तहत 2030 तक पूरे देश में ई.रिक्शा का ही प्रचलन होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में इस तरह के ई.वाहनों का पहली बार ट्रायल किया है और उम्मीद है कि प्रदेश सरकार शीघ्र इस तरह के वाहनों के चलने की प्रदेश में अनुमति देगी।
हिमाचल के कुल्लू में ई.रिक्शा व ई.वाहन का पहली बार सफल ट्रायल
उन्होंने कहा कि इस तरह के वाहनों के चलने से जहां क्लीन हिमालयए ग्रीन हिमालय का सपना पूरा होगा वहीं, देश को पर्यावरण के दुष्प्रभावों से पूरी तरह से मुक्त करवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के वाहन जहां पर्यावरण को बचाएंगे वहींए कम खर्चे में अधिक कमाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मात्र 12 रूपए के इलेक्ट्रिक चार्ज खर्चे से इस तरह के वाहन 100 किलोमीटर तक चल पाएंगे। उन्होंने बताया कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि पहाड़ी राज्य में ई.वाहन कामयाब होंगे और भविष्य में ई.वाहनों के प्रचलन से यहां के पर्यावरण को बचाया जा सकेगा।