27 साल के युवा ने 17000 किमी की पदयात्रा कर ,बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ छेड़ी मुहिम

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किशोर सिंह / अजमेर – शायद ही कोई आदमी होगा जिसका दिल भीख मांगते हुए बच्चों को देखकर नहीं पसीजता होगा लेकिन अधिकांश लोग ऐसे हालात में क्या करते हैं, हम में से अधिकांश लोग बच्चों को मदद के नाम पर कुछ पैसे दे देते हैं। समाजसेवा से जुड़े लोग ऐसे बच्चों को पढ़ने में मदद कर पुनर्वास का प्रयास भी करते हैं। दिल्ली के समयपुर बादली के रहने वाले आशीष शर्मा ने भी भीख मांगने वाले एक जख्मी बच्चे पर तरस खाकर उसे एक एनजीओ के माध्यम से सक्षम बनाने का प्रयास किया। इसके बाद आठ अन्य बच्चों को भी एनजीओ से जोड़ा लेकिन जल्द ही आशीष को समझ गया कि बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए ऐसे प्रयासों से सफलता नहीं मिलेगी। अब आशीष बाल भिक्षावृत्ति पर रोक के लिए 29 राज्यों में 17000 किलोमीटर की पदयात्रा कर रहे हैं। इस दौरान वे जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों से मिलते हैं और स्कूलों में बच्चों से भी बात करते हैं। उनका लक्ष्य है कि 14 जून 2018 को सौ करोड़ लोग बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ शपथ लें और संदेश पूरे देश में फैले। इसके लिए बड़े स्तर पर प्रचार अभियान चलाने की भी योजना है, जिसमें कई आला अधिकारी आशीष का सहयोग कर रहे हैं। 22 अगस्त को जम्मू के उधमपुर से अपनी यात्रा शुरू करने वाले आशीष 2108 किलोमीटर की दूरी तय कर अजमेर पहुंचे। आशीष ने पदयात्रा की शुरुआत से पहले भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी थी। अब रामेश्वरम पहुंचकर एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देने के बाद उनकी पदयात्रा पूरी होगी।

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आशीष शर्मा के मुताबिक बाल भिक्षावृत्ति अपने आप में एक बड़ा संगठित व्यवसाय है लेकिन इसकी आड़ में नशे मानव तस्करी जैसे कई अवैध कारोबार भी चल रहे हैं। कोई एनजीओ भी भिक्षावृत्ति का खात्मा नहीं कर सकती। इस समस्या को खत्म करने का सबसे बड़ा उपाय यही है कि लोग भीख देना बंद करें। इसके बाद सरकार पर दबाव बनाया जाए कि भीख मांगने वाले बच्चों का पुनर्वास हो। इन बच्चों के लिए कई योजनाएं है लेकिन धरातल पर लागू नहीं हो रही है। आमजन बच्चों को भीख देने की बजाय सरकार पर दबाव बनाएगा तो बाल भिक्षावृत्ति के साथ-साथ कई अन्य संगठित अपराधों का भी खात्मा किया जा सकता है।
आज जींस प्रकार से अजमेर में ऐसे बच्चों की संख्या अधीक हे और नशा पर्वती में लिप्त हे इन बच्चों का भवस्य उज्वल बनाने के इसी मिशन के सन्द्रव में सोशल वर्कर रियाज़ अहमद मन्सूरी भी इस मुहीम को आगे बड़ाने में अजमेर में आशीष शर्मा के साथ बाल भिक्षावर्त्ति पर काम करेगे दरगाह में हाजिरी देने आऐ आशीष शर्मा को जियारत सैयद शाकिर अली चिश्ती ने कराई वे तबर्रुक दिया और दसतार बधी कर दुआ मांगी उनके साथ समाज सेवी रीयाज अहमद  मनसुरी.राजवीर सजी माथयू भी थे l