करनाल – जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद देश में हर तरफ आतंकी देश पाकिस्तान के खिलाफ हर देशभक्त का जज्बा फूट फूटकर सामने आ रहा है इसका साफ उदाहरण सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है l देश में जिस तरह का माहौल है कि जो जितना देश के खिलाफ बोलता है और उन असामाजिक तत्वों की पीठ थपथपाता है सबसे पहले सरकार उन गद्दारों की सख्त सज़ा का प्रावधान करें l देश में जो भी अराजक तत्व सिर उठाए उसे उसी भाषा में निपट लिया जाना चाहिए l जैसा क़ि हमारे पड़ौसी देश चीन में होता है राजनैतिक तौर पर भी और एक संगठित और देशभक्त व्यक्तियों को सरकार अपनी तरफ से जिम्मेवारी सौंपे कि देश की अंदरूनी व्यवस्था की रिपोर्ट सरकार को मिलती रहे l क्योंकि हमारे देश में मुट्ठीभर गद्दारों ने देश की व्यवस्था को हमेशा नुकसान पहुंचाने का काम ही किया है , जिसमें नेताओं केसाथ कुछ बुद्धिजीवी और मीडिया जगत के लोग भी हैं l लेकिन इस देश में देशभक्तों की भी कमी नहीं है , वह तो सरकार से सिर्फ सहयोग करने के लिए आतुर रहते हैं l अब समय आ गया है कि कश्मीर में जो धारा 370 लगी हुई है उसको हटा दिया जाए और कश्मीरी पंडितों को उनके घर वापिस भेजा जाए l ताकि देशविरोधी ताकतें खत्म हों l
साथ ही आतंकियों को मदद करने वाले वहां के स्थानीय लोगों को भी उनके जैसी ही सजा दी जाए l देश में मीडिया को भी अपना निर्वाह ठीक से सोच समझकर करना चाहिए न कि देश विरोधी कुछ मुट्ठीभर गद्दारों के साथ उनका बायोडाटा का प्रचार करते रहें , जिससे उनकी गलत सोच आम व्यक्ति को प्रभावित न कर सके l केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के साथ मिलकर निचले स्तर पर हर व्यक्ति तक सम्पर्क करके देश की सुरक्षा और समृद्धि का ऐसा ताना बाना तैयार करना चाहिए जिससे देश के गद्दारों की हमारे देश में पहचान ही खत्म हो जाए और यह आंतक का दानव जड़ मूल से ही नष्ट हो जाए l रही बात घटना के बाद में बंद द्वारा प्रदर्शन कर ,मोमबत्तियां जलाकर या प्रदर्शन करके कुछ होने वाला नहीं है l देश के अधिकतर नेता तो वोटबैंक के पीछे पड़े हैं इन्हे समझना चाहिए कि जब देश ही नहीं रहेगा तो क्या वोटबैंक और क्या चुनाव l हर कोई किसी आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान को गाली देता है क्या उन्हें नहीं पता पहले देश में ही जो पाकिस्तान है उसे खत्म किया जाए , इसकी शुरुआत कश्मीर से ही की जाए जो मुफ्त का खाकर देश की खिलाफत कर रहे हैं और जवानों पर पत्थर बाज़ी करते हैं उन पर हमले करवाते हैं l