नन्दलाल/ शाहजहांपुर – आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही न होने के बाद मजबूरन आमरण अनशन पर बैठना पड़ा है गैंगरेप पीड़िता को यूपी में सरकार के बदलने के बाद भी पुलिस की कार्यशैली बदलने का नाम नही ले रही है। आलम ये है कि गैंगरेप जैसे मामलों में नाबालिग पीड़िता को आमरण अनशन पर बैठना पड़ रहा है। मामला यूपी शाहजहांपुर का है जहां गैंगरेप के आरोपियों की गिरफतारी की मांग को लेकर एक नाबालिग अपने परिवार समेत डीएम कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठ गई है। परिवार ने धमकी दी है कि अगर आरोपियों की गिरफतारी नही की गई तो वो परिवार समेत आत्महत्या कर लेगा। खास बात ये हैं कि सत्ता के दबाव के चलते पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है। पुलिस मामले को गंभीर तो बता रही है लेकिन कैमरे पर बोलने से बच रही है।
डीएम कार्यालय के सामने बैठी इस नाबालिग की उम्र महज 13 साल है लेकिन थाना कांट क्षेत्र के रहने वाले चार लोगों ने उसके साथ गैंगरेप की ऐसी हैवानियत की जिसे सोंचकर भी इस लड़की का कलेजा कांप जाता है। चूंकि गैंगरेप में सत्ता से जुड़े एक नेता का बेटा भी शामिल है जिसकी वजह से पुलिस उसे गिरफतार करने की बजाए उसे बचाने की जुगत लगा रही है। दरअसल थाना क्षेत्र की रहने वाली नाबालिग पीड़िता 16 मई 2017 को अपने से चारा लेकर लौट रही थी तभी रास्ते में अंशू नाम का दंबंग उसे खेल में खींच ले गया जहां योगेन्द्र प्रभात और गुडडू पण्डित नाम के युवकों ने बारी बारी से नाबालिग के साथ बलात्कार किया। चूंकि मामला एक सत्ताधारी स्थानीय नेता अखिलेश पाठक से जुड़ा था जिसके चलते पुलिस ने पहले सिर्फ छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज की और बाद में कोर्ट में गैंगरेप के बयान के बाद गैंगरेप की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी पुलिस ने किसी भी आरोपी की अभी तक गिरफतारी नही की है। इसी बात से नाराज होकर नाबालिग छात्रा अपने परिवार के साथ डीएम कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठ गई है। उसका कहना है कि जब आरोपियों की गिरफतारी नही हो जाती तब तक वो अनशन पर बैठी रहेगी।
पीड़िता और उसका परिवार पुलिस के अधिकारियों के लगातार चक्कर काट रही है लेकिन पुलिस के अधिकारी दबाव के चलते कोई कार्यवाही नही कर पा रही है। हालांकि पुलिस इस मामले को बेहद गंभीर मान रही है लेकिन मामला में कुछ भी बोलने से बच रही है। वही पीड़िता के परिवार ने धमकी दी है कि अगर दो दिन के अन्दर आरोपियों की गिरफतारी नही की गई तो वो परिवार सहित डीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लेगा।
जब गैंगरेप जैसे गंभीर अपराधो में नाबालिग पीड़िता को अनशन पर बैठना पड़ रहा हो वहां पर कानून व्यवस्था का क्या हाल होगा इस बात का अन्दाजा लगाया जा सकता है। एक तरफ योगी सरकार लोगो को बेहतर कानून व्यवस्था देने का भरोसा दिला रही है वहीं पुलिस सरकार भरोसे को चकनाचूर कर रही है। यही वजह है कि अब लोगों का कानून व्यवस्था से विश्वास उठने लगा है।