रिपोर्ट -प्रवीण भारद्वाज ,पानीपत -सरकार ने नयी आबाकारी नीति के तहत ग्रामीण आंचल को स्वच्छ बनाने के लिए नियमों व् अधिकारों में बदलाव किया गया है ,जिसके चलते अब गाँव में शराब का ठेका चलाने या न चलाने देने का अधिकार गांव की पंचायत को होगा l जिसका महिलाओं ने स्वागत किया है l पानीपत में अब तक 175 गांव में से 44 ने ठेका गांव से हटाने की मांग की व् 3 गांव की पंचायतों ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं करवाई। महिलाओ ने कहा गरीब परिवारों को इससे ज्यादा फायदा होगा l
हरियाणा सरकार ने जब से ग्राम पंचायतों को ठेके खोलने व बंद करने का अधिकार दिए हैं तब से सभी ग्राम पंचायतों में जागृति आ रही है जिसके चलते पानीपत की लगभग 175 ग्राम सभाओं में से 44 ग्राम सभाओं ने ठेके बंद करने का प्रस्ताव पारित किया है और जबकि 3 ग्राम सभाओं ने ठेके बन्द नहीी करने का प्रस्ताव पारित किया है। ग्रामीण महिला बोहती ,गीता का कहना है कि सरकार की एक अच्छी पहल है। डीडीपीओ राजवीर सिंह का कहना है कि पानीपत जिले की 175 ग्राम सभाओं में से 47 ग्राम सभाओं ने प्रस्ताव सौंपा है । इन प्रस्तावों की कॉपी एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग चंडीगढ़ को भी भेज दी गई है ।
आज जब शिमला मलाना की सरपंच पिंकी से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि गांव में शराब का ठेका खुलने से काफी ग्रामीण महिलाएं परेशान है उनका कहना है कि आदमी पैसे कमा कर लाता है और वह शराब पीकर खत्म कर देता है परिवार का पालन पोषण कहां से करें बीमार हो जाता है वो अलग , जिससे महिलाओं को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए प्रस्ताव पारित कर हमने बीडीपीओ को सौंप दियाा है।
उधर काफी ग्रामीण महिलाओं से बात हुई तो उन्होंने भी सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है एक अच्छी शुरुआत है। इससे जो आदमी रोजी रोटी कमा कर पैसा शराब में खराब करता था इस पर रोक लगेगी और शराब ठेका दूर खुलने से कम हो जाएगी l लोगों के घर बर्बाद करने वाली ये शराब बिलकुल बंद हो जानी चाहिये l