करनाल – सोशल मीडिया पर गंदगी के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन

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करनाल- आज करनाल में  महिला संगठन, सामाजिक संस्थाओं की महिलाओं व समाजसेवी लोगों ने मिलकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ महिलाओं पर बढ रहे अपराधों को लेकर जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं को लघु सचिवालय से बाहर निकालने के लिए आनन फानन में महिला पुलिस कर्मियों को बुलाया गया और पुलिस से धक्का मुक्की भी हुई । इसके बाद उन्होंने उपायुक्त के सामने भी अपनी बात रखी l प्रदर्शन में शामिल महिला सुनिता ढांडा ने आरोप लगाते  हुए कहा कि पिछले कुछ समय से महिलाओं पर हो रहे अपराधों मे एकाएक बढ़ोतरी हुई है। घरेलू  हिंसा के मामलों मे भी इजाफा हुआ है। सरकार की तरफ से खोले गए महिला थाने भी व्यापार केन्द्र बनकर रह गए हैं । वहां मामले दर्ज करने की बजाय महिलाओं पर समझौता करने का दबाव बनाया जाता है।

रानी कम्बोज ने कहा कि सोशल मीडिया असामाजिक लोगों के लिए महिलाओं पर अश्लीलता व अभद्रता परोसने का आसान माध्यम बन गया है।  सोशल मीडिया पर अश्लीलता भरे सन्देश और वीडियो भेजे जा रहे हैं  जिस पर सरकार व प्रशासन द्वारा कोई लगाम नहीं लगाई गई है l अगर कोई महिला शिकायत करती भी है तो उसे ही नंबर ब्लाक करने का सुझाव दिया जाता है। ऐसे में IT act का क्या फायदा?  ये भी एक अप्रत्यक्ष बलात्कार के समान  सरकार केवल नारों तक ही महिला सुरक्षा की बात करती है l धरातल पर महिलाओं की स्थिति भयावह है सरकारी महकमें में फैक्टरियों व प्राइवेट कम्पनियों मे कामकाजी महिलाएं भी असहज महसूस कर रही है। सोनिया तंवर ने कहा कि लचर कानून व्यवस्था के चलते वे खुल कर शिकायत भी नहीं कर पाती, ऐसे में महिलाओं में असुरक्षा का भाव समाज को बांटने का काम करेगा। जिस तरीके से सरकार और प्रशासन महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों की अनदेखी कर रहा है l महिलाएं चिल्लाती रहती हैं लेकिन प्रशासन जिस तरीके से महिलाओं से बर्ताव करता है वह देख कर बहुत दुख होता है ।

फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से जिस तरीके से अश्लीलता का बाजार सजाया गया है , किसी को बेइज्जत करना झूठ फैलाना यही सब होता है ऐसे में महिलाएं कभी भी सुरक्षित नहीं रह सकती हैं l महिलाओं ने कहा कि इस लड़ाई को हम लोग लेकर निकले हैं उसमें हमारा उद्देश्य सिर्फ इतना ही है कि महिलाओं के मान सम्मान की रक्षा की जाए। ताकि महिलाएं अपने विचारों को अपने लोगों  के बीच में स्वतंत्र रूप से रख सकें । प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बताया कि पुलिस थानों में सैंकड़ों केस दर्ज हुए हैं, सोशल मीडिया पर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की IT act मजाक बनकर रह गया है  I सोशल मीडिया पर लगाम लगनी चाहिए इसकी कोई सीमा तय होनी चाहिए क्योंकि इसका सही कम और गलत इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है I यह बहुत गंभीर मामला है जो को दिखाई नहीं रहा l