रिपोर्ट -प्रवीण भारद्वाज /पानीपत – पानीपत में डेढ़ साल तक टॉयलेट में मानसिक रुप से परेशान बताकर बंद की हुई महिला को महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध टीम ने छापेमारी कर मुक्त करवाया है। वहीं पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़ित महिला को उसके पति ने करीब डेढ़ साल से बाथरूम में बंद कर रखा था । उसे मारता पीटता और खाने को भी नहीं देता था। महिला संरक्षण अधिकारी ने जब उसे बाहर निकाला तो उसने सबसे पहले रोटी मांगी।सनौली के गांव रिसपुर में महिला के साथ इतना अमानवीय व्यवहार किया गया कि उसे टायलेट में ही बंधक बनाकर रखा जाने लगा। उसे दिन में एक बार भोजन के लिए बाहर निकाला जाता था। जिला महिला संरक्षण अधिकारी रजनी गुप्ता ने सनौली थाना पुलिस की मदद से महिला को मुक्त कराया है। टायलेट से बाहर निकलते ही उसने सबसे पहले रोटी मांगी। नहलाकर दूसरे कपड़े पहनाए तो चूड़ियां और लिपिस्टक मांगी। टायलेट में बंधक रहने से अब उसकी टांगें भी सीधी नहीं हो पा रही हैं। आरोप है कि 35 वर्षीय रामरती को उसके पति नरेश ने ही करीब डेढ़ साल से टायलेट में बंधक बनाकर रखा हुआ था।
रजनी गुप्ता ने बताया कि सूचना पर मंगलवार को गांव रिसपुर वासी नरेश के घर टीम के साथ पहुंचे तो नरेश घर के बाहर दोस्तों के साथ ताश खेलता मिला। पत्नी रामरती के बारे में पूछा तो चुप रहा। सख्ती से पूछा तो घर की पहली मंजिल पर ले गया। उस टायलेट का दरवाजा खोल दिया, जिसमें वह बंद थी। महिला के कपड़े गंदगी से लथपथ थे। शरीर हड्डियों का ढांचा बना हुआ था। बाहर निकलते ही उसने खाने के लिए रोटी मांगी। पुलिस ने दबाव बनाया को नरेश ने ही रामरती को नहलाया। एक महिला ने भी उसकी मदद की। कपड़े बदलवाकर भोजन दिया गया।