नैनीताल – आपदा प्रभावित क्षेत्र की जमीनी हकीकत

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रिपोर्ट – कान्ता पाल/ नैनीताल – नैनीताल की रामगढ़ क्षेत्र में आई आपदा से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है, 17 अक्टूबर की रात बरसी आसमानी आफत ने गांव को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। क्षेत्र को जोड़ने वाली सभी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। जिससे गांवों का संपर्क शहरों से कट गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अब स्थानीय लोगों के सामने खाने-पीने के सामान का संकट खड़ा होने लगा है। क्षेत्र में 2013 में आई केदारनाथ आपदा जैसे हालात बने हुए हैं l स्थानीय लोगों ने अपना दर्द बया करते हुए बताते हैं  कि 17 अक्टूबर की रात से क्षेत्र में भयानक बारिश के बाद पहाड़ों से निकलने वाले नदियों का पानी घरों और दुकानों में घुस गया जिससे घर दुकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। पहाड़ों में आई इस आपदा से रामगढ़, ओखलकांडा ब्लॉक में करीब 35 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 8 लोग अभी भी लापता हैं । घटना के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ पुलिस समेत सामाजिक संगठन के लोगों के द्वारा गांव में पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया और लोगों की मदद की जा रही है l  क्षेत्र में आई इस आफत के बाद आज देश के गृहमंत्री अमित शाह समेत प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रबंधन मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने स्थलीय और हवाई निरीक्षण किया और आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लिया।
19 अक्टूबर की रात को रामगढ़ क्षेत्र में आई  इस आफत के बाद बिहारी मूल के सभी मजदूर डर के साए में जीने को मजबूर हैं मजदूरों ने अपना दर्द साझा करते हुए बताया  कि रामगढ़ के झुतिया गांव में भूस्खलन के दौरान जिन 9 मजदूरों की मौत हो गई  वो सब उन्हीं के साथ ही थे और घटना वाले दिन 10 मजदूरों का दल रामगढ़ के दूसरे क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य कर रहा था और जैसे ही देर शाम घटना वाले स्थल के लिए रवाना हो रहे थे तभी अचानक एक पेड़ रास्ते में गिर गया और सभी लोग एक धर्मशाला में रुक गए जिस वजह से उनकी जान बच गई अगर पेड़ नहीं गिरता तो सभी 10 सदस्य उसी घर में रहने जा रहे थे और उनकी भी हादसे में मौत हो सकती थी।
रामगढ़ क्षेत्र का हल्द्वानी नैनीताल से संपर्क करने के बाद अब क्षेत्रवासियों के सामने 2 जून की रोटी का संकट खड़ा हो गया है क्षेत्रवासी बताते हैं कि अब तक उनके घरों में राशन उपलब्ध था लेकिन 3 दिन बीत जाने के बाद गांव के अधिकांश लोगों के पास राशन खत्म होने लगा है दुकानें पहले से ही टूट चुकी हैं ऐसे में दुकानों मैं सामान नहीं है अगर जल्द गांव को सड़क मार्ग से नहीं जोड़ा गया तो गांव में भुखमरी के हालात उत्पन्न हो सकते हैं।