अजमेर – आंगनवाडी में मासूम बच्चों का भविष्य अधरझूल में

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किशोर सिंह /अजमेर – महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री अनिता भदेल के गृह क्षेत्र में संचालित होने वाले आंगनवाडी केन्द्र और यहां आने वाले बच्चों का भविष्य अधरझूल में है, क्योंकि यहां के केन्द्र न तो समय पर खुलते है और न ही पर्याप्त मात्रा में पोषाहार मिलता है। आज हम जब जयपुर रोड स्थित आंगनवाडी केन्द्र संख्या 2 पर पहुंचे तो पता चला कि यहा कुल 27 बच्चों का पंजीयन है, लेकिन आते मात्र 10 से 12 बच्चे ही है। सरकार द्वारा पोषाहार का मापदंड तय किया हुआ है, जिसका चार्ट भी इस आंगनवाडी केन्द्र में लगा हुआ था, जिसमें मंगलवार को बच्चों को पोषाहार में 55 ग्राम गुड व चना मिलता है, लेकिन यहां 50 ग्राम चने भी नहीं मिले और मात्र 200 ग्राम गुड मिला। जब गुड व चना नहीं मिला तो आंगनवाडी केन्द्र वालों से पूछा तो उन्होंने कहा कि पोषाहार का पेंमेट हमे समय पर ही नहीं मिलता है, जिसके कारण यह समस्या आ रही है।
दवाईयां मिली एक्सपाईरी तारीख की- आंगनबाडी केन्द्र पर जब यहां के प्रभारी से दवाईयों के बारे मंे पूछा तो उन्होंने पूरा मेडिकल किट लाकर दिखाया, जिसमें पोविडोन आयोडिन ओईन्टमेंट यूएसपी नामक ट्यूब  व एक पीने की सिरप मिली जिस पर एक्सपाईरी डेट 8अगस्त 2017 लिखी हुई थी, अगर यह दवा किसी बच्चे को पिला जाती तो शायद बच्चे की जान पर बन आती। इससे यह जाहिर होता है कि यहां काम करने वाले कर्मचारी व यहां के प्रभारी कितने लापरवाही और शायद यहां के मंत्री को कभी इसकी जरूरत भी नहीं पडी की कभी अपने ही विभाग की इन आंगनवाडियों  की तरफ अचानक निरीक्षण करने निकले।

जब यह टीम कांकरिया स्थित आंगनबाडी केन्द्र पर पहुंचे तो वहां चार पांच बच्चे केन्द्र के बाहर खडे मिले और आंगनवाडी केन्द्र पर ताला लटका हुआ मिला। किसी ने आंगनवाडी केन्द्र प्रभारी को सूचना मिली तो उन्होने दूसरे सेंटर वाली महिला को उस सेंटर भेजा जहां उसने आनन-फानन मे केन्द्र खोला और दरी बिछाकर बच्चों को बैठा दिया, जब अंदर जाकर देखा तो बच्चे के पीने के पानी वाले बर्तन में कीडे तैरते हुये नजर आये। जिससे यह जाहिर होता है कि यहां आने वाले बच्चों का भविष्य अधरझूल में तो है ही लेकिन इनके भविष्य के साथ खिलवाड भी किया जा रहा है।