अजमेर – ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स का झंडा 14 को बुलंद दरवाजे पर चढेगा

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किशोर सिंह /अजमेर – हर वर्ष की भांति विश्व विख्यात सूफी संत हजरत ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स शुरू होने से पूर्व भीलवाडा का गौरी परिवार ख्वाजा साहब की दरगाह के बुलंद दरवाजे पर झडा चढ़ाता है। इसी परम्परा के चलते इस साल भी भीलवाडा का गौरी परिवार 14 मार्च को जुलूस के साथ बुलंद दरवाजे पर झडा पेश करेगा। भीलवाडा के गौरी परिवार यह परम्परा बरसों से इसी प्रकार निभाता आ रहा है। झडा चढाने के बाद ही गरीब नवाज के उर्स की अनौचारीक रूप से शुरू हो जाती  है।

भीलवाडा का यह गौरी परिवार 13 मार्च की शाम को अजमेर पहुंचेगा और 14 मार्च की शाम को गाजे बाजे के साथ जुलूस के रूप में दरगाह गेस्ट हाउस से होते हुये दरगाह के निजाम गेट से प्रवेश किया जायगा ! दरगाह शरीफ में चारो और ख्वाजा के चाहने वालो का मंजर नजर आएगा l

भीलवाड़ा से आये गौरी परिवार के अनुसार यह परम्परा काफी अरसे से चली आ रही है 1928 से फखरुद्दीन गौरी के पीरो मुर्शिद अब्दुल सत्तार बादशाह झंडे की रस्म अदा करते थे ! इसके बाद 1944 से उनके दादा लाल मोहम्मद गौरी को यह जिम्मेदारी सौपी गयी उनके इंतकाल के बाद 1991 से पुत्र मोईनुद्दीन गौरी यह रस्म निभाने लगे और वर्ष 2007 से फखरुद्दीन इस रस्म को अदा कर रहे है बताया जाता है की वर्षो पहले झंडे की रस्म शुरू हुई तब बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया गया झंडाआस-पास के गांवो तक नजर आता था ! उस वक्त माकन छोटे – छोटे और बुलंद दरवाजा काफी दूर से नजर आता था ! इस दरवाजे पर झंडा देखकर ही लोग समझ जाते थे की पांच दिन बाद गरीब नवाज का उर्स शुरू होने वाला है यह सन्देश एक से दूसरे तक दूर- दूर तक पहुँच जाता था l