करनाल – हरियाणवी संस्कृति समृद्ध संस्कृति है, जिसका पूरे भारत देश के साथ-साथ विदेशों में भी ढ़ंका है। हरियाणवीं सांग,रागनी,हरियाणवीं वेशभूषा, हरियाणवीं हास्य व्यंग्य और खान-पान इस संस्कृति के विशेष अंग है। इस संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि हरियाणा का युवा अपनी संस्कृति से भली-भांति परिचित हो। ये उद्गार स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुभाष चन्द्र ने मंगलवार को देर सायं नीलोखेडी के गुरू ब्रह्मानन्द राजकीय पोलिटेक्रिक कॉलेज के सभागार में कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित छात्र एवं छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।
उपाध्यक्ष ने कहा कि हमारी संस्कृति से युवाओं को परिचित करवाने के लिए हरियाणा सरकार ने बेहद सराहनीय पहल की है। इन कार्यक्रमों का आयोजन पूरे प्रदेश में खंड स्तर पर किया जा रहा है, जिनमें हरियाणावीं संस्कृति की झलक स्पष्ट देखने को मिल रही है। निसंदेह इन कार्यक्रमों से युवा पीढ़ी में अपने देश व प्रदेश की लोक संस्कृति के प्रति जागृति आएंगी। इन आयोजनों से ना केवल शहरों में रहने वाला युवा वर्ग हरियाणवीं संस्कृति से परिचित होगा बल्कि संस्कृति से जुडक़र राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हरियाणवीं संस्कृति को बढ़ावा देने में सहायक भी सिद्ध होगा।
इस अवसर पर कला एवं सांस्कृ तिक कार्य विभाग हरियाणा की सांस्कृतिक अधिकारी संगीत डा०दीपिका ने कहा कि हरियाणवीं संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सूचना,जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक समीरपाल सरों के मार्गदर्शन में खंड स्तर पर कार्यक्रम करवाए जा रहे है। कार्यक्रम में लोक कलाकारों द्वारा हरियाणवी संस्कृति को प्रदर्शित करती कई प्रस्तुतियां दी।