करनाल – मुख्यमंत्री ने श्रमिकों की वर्षों पुरानी मांग को एक ही झटके में किया पूरा

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करनाल – भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर श्रम विभाग हरियाणा द्वारा आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेशभर से आए हजारों महिलाओं एवं पुरूषों की उपस्थिति में श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी की श्रमिकों के उत्थान के लिए मांगी गई 32 मांगों को पूरा करने की घोषणा की तो, पूरा पंडाल तालियों की गडग़ड़ाहट तथा जयघोष के नारों से गूंज उठा। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों की सभी मांगों को पूरा करने की घोषणा के बाद यह सिद्ध कर दिया कि वह सभी वर्गों के सच्चे हितैषी हैं और विपक्ष को भी करारा झटका दिया। आज की इस भीड़ ने जहां श्रमिकों के मनोबल को बढ़ाया है वहीं प्रदेश में मंत्री नायब सिंह सैनी के राजनीतिक कद को भी ऊंचा किया है। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों की वर्षों पुरानी मांगों को जहां पूरा किया है वहीं श्रमिकों के हितों को देखते हुए और नई घोषणाएं भी की हैं। इन घोषणाओं से प्रदेश का हर श्रमिक आत्मनिर्भर होगा।

मुख्यमंत्री द्वारा सोमवार को जिन मांगों को पूरा करने की घोषणा की है उनमें विशेष रूप से हरियाणा असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन, श्रम विभाग द्वारा हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के नये मुख्यालय पंचकूला में श्रम शक्ति भवन, पंजीकृत निर्माण श्रमिक जो सामाजिक आर्थिक और जाति गणना के अंतर्गत नहीं आते उनका आयुष्मान भारत योजना में 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा करवाया जाएगा। श्रमिकों का विभिन्न योजना के तहत वेतन सीमा 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जाएगी, श्रमिकों को दी जाने वाली श्रम पुरस्कार राशि दोगुनी की जाएगी, श्रम वीरांगना पुरस्कार राशि 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 51 हजार रुपये की जाएगी, श्रमिकों को विभागीय लाभ देने वाले श्रमिकों को श्रमिक कल्याण पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया जाएगा, प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार 1-1 लाख रुपये, तृतीय पुरस्कार 51-51 हजार रुपये तीन पुरस्कार दिए जाएंगे। श्रमिकों के बेटों व उनकी शादी के लिए 21 हजार रुपये शगुन के रूप में दिए जाएंगे, व्यावसायिक कोर्स में प्रवेश परीक्षा की कोचिंग के लिए 20 हजार रुपये, यूपीएससी-एचपीएससी की तैयारियों के लिए श्रमिकों के बच्चों को 1 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी, इसी प्रकार श्रमिकों के कार्यक्षेत्र के अंदर दिव्यांगता पर 50 हजार रुपये की राशि को बढ़ाकर 1 लाख रुपये, 1 लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रुपये तथा कार्यक्षेत्र से बाहर दिव्यांगता के लिए 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये तथा 30 हजार रुपये की राशि को बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रुपये किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि श्रमिकों के दिव्यांग बच्चों को मिलने वाली 15 हजार रुपये की राशि को बढ़ाकर 20 हजार रुपये  तथा 20 हजार रुपये  से बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया जाएगा, श्रमिकों के बच्चों के खेल एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता में भागीदारी पर 1000 से 10400 रुपये  तक की दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 2 हजार रुपये से 31 हजार रुपये तक किया जाएगा। श्रम कल्याण केन्द्रों में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण पूरा होने पर 5 हजार रुपये की राशि दी जाएगी जबकि अब तक इसका कोई प्रावधान नहीं था। मुख्यमंत्री द्वारा प्रसूति योजना के अंतर्गत दी जाने वाली 7 हजार रुपये की राशि को बढ़ाकर भी 10 हजार रुपये किया है। दिव्यांग श्रमिकों को तिपहिया साईकिल के लिए दी जाने वाली राशि को 5 हजार रुपये से 7 हजार रुपये किया गया है, दंत चिकित्सा एवं दांतो का ढांचा लगाने हेतु मिलने वाली 2 हजार रुपये की राशि को 4 हजार रुपये तथा 5 हजार रुपये की राशि को बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने की घोषणा की है। इसी प्रकार बधीर श्रमिकों को श्रवण मशीन हेतु मिलने वाली 3 हजार रुपये की राशि को 5 हजार रुपये किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में श्रमिकों के बच्चो को स्कूल की वर्दी, किताबें, कापियां खरीदने के लिए मिलने राशि को 2 हजार रुपये से बढ़ाकर 3 हजार रुपये तथा 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 4 हजार रुपये किया गया है तथा स्कूल वर्दी का लाभ जो पहले आठवीं कक्षा तक मिलता था उसे 12वीं कक्षा तक किया गया है, यह लाभ लडक़ा-लडक़ी दोनेां को मिलेगा। चश्मे के लिए मिलने वाली राशि को 1 हजार रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये किया गया है। श्रमिकों को मिलने वाली एलटीसी की राशि को भी 1 हजार रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये किया गया है, श्रमिकों को साईकिल, चश्मे, सिलाई मशीन, दिव्यांग श्रमिकों को तिपहिया वाहन, श्रवण मशीन हेतु वित्तीय सहायता जीवन में एक बार मिलती थी उसे अब हर पांच वर्ष के बाद देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले में श्रमिक कौशल विकास केन्द्र स्थापित किए जांएगे, इनमें श्रमिकेां को निशुल्क कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा टूल किट भी दी जाएंगी। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी निर्माण श्रमिकों को 1 लाख रुपये तक की ब्याज राशि का प्रतिपूर्ति बैंक के माध्यम से की जाएगी। पंजीकृत कामगारों के अक्षम बच्चों को प्रदान की जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता 2 हजार रुपये 2500 रुपये की जाएगी। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की विधवाओं को 2 हजार रुपये प्रतिमास पेंशन दी जाएगी। मुख्यमंत्री पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के मेधावी बच्चों को बोर्ड की परीक्षा में अच्छे अंक उत्तीर्ण होने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, 90 प्रतिशत से अधिक अंक लेने वाले 51 हजार रुपये, 80 से 90 प्रतिशत से अधिक अंक लेने पर 41 हजार रुपये, 70 से 80 प्रतिशत तक अंक लेने वाले बच्चों को 31 हजार रुपये, 60 से 70 प्रतिशत से अधिक अंक लेने वाले बच्चों को 21 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने श्रमिक के बच्चों के उत्त्थान के लिए व्यावसायिक कोर्स में प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग के लिए 20 हजार रुपये तक तथा यूपीएससी, एचपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। श्रमिकों के लिए पानीपत, जींद, बहादुरगढ़, पलवल की ईएसआई डिस्पेंसरी का स्तर बढ़ाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने श्रम एवं रोजगार मंत्री की मांग पर श्रम विभाग में महेंद्रगढ़, चरखी दादरी व फतेहाबाद में सहायक श्रम आयुक्त के तीन नये पदों का सृजन किया जाएगा, श्रम विभाग में रोहतक में मंडल स्तर पर औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए 1 उपनिदेशक, सोनीपत व गुरूग्राम में 1-1 अतिरिक्त पद सृजित किया जाएगा, श्रम कल्याण बोर्ड में गुरूग्राम तथा करनाल में मंडल स्तर पर उप श्रमायुक्त (कल्याण) के दो नये पदों को सृजन किया जाएगा इसी प्रकार श्रम कल्याण बोर्ड में रेवाड़ी, सोनीपत, झज्जर, पलवल तथा करनाल में जिला स्तर पर श्रम कल्याण अधिकारी के 5 नये पदों का सृजन किया जाएगा।