करनाल – शिक्षित समाज से ही राष्ट्र उन्नति संभव है : कर्मबीर सिंह

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करनाल – जिस प्रकार भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर , आदि कवि भगवान् वाल्मीकि जी , संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज और संत कबीरदास जी ने शिक्षा के बल पर समाज को आगे बढ़ाने की बात को स्वीकारा है।  इन सभी महापुरुषों का एक ही मत था की शिक्षा की एक ऐसा शस्त्र है जो समाज व राष्ट्र को आगे बढ़ाने में सहयोगी सिद्द हो सकता है।  ये विचार वरिष्ठ समाजसेवी कर्मबीर सिंह ने एक विशेष भेंट वार्ता में कही।उन्होंने कहा कि शिक्षा संघर्ष को आगे बढ़ाने में ना केवल सहायता करती है बल्कि परिणाम साध्य भी साबित होती है।  वंचित व दलित समाज के लिए तो शिक्षा और अधिक मजबूत हथियार है।
 डॉ आंबेडकर ने शिक्षा के बल पर ही ना केवल भारतवर्ष में अपितु पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई और समस्त दलित समाज को सम्मान देने का काम किया।  उन्होंने दलित पिछड़ों व वंचितों से अपील करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को उच्च शिक्षित बनायें तथा समाज हित में कार्य करने को प्रेरित करें।  सिंह ने युवाओं  से आह्वान करते हुए कहा कि नशे से दूर रहें और अपने महापुरुषों के आदर्शों पर चलकर समाज को एक नई दिशा देने में अहम् भूमिका अदा करें।
 
कर्मबीर सिंह वरिष्ठ समाजसेवी हैं जिन्हें अनेक सामाजिक , धार्मिक संगठनों द्वारा विभिन्न सार्वजनिक मंचों पर सम्मानित किया जा चूका है । यहीं नही भगवान् महावीर जैन , तथागत बुध्द के समता , समानता और बंधुत्व के सन्देश को हृदय में धारण करते हुए यु एन ओ के मंच तक अपनी धाक जमा चुके हैं । वर्तमान में भी अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद गरीब , दलित और कमजोर वर्ग के हित के लिए किसी भी समय तैयार रहते हैं । अपने त्याग व् समर्पण के चलते कर्मबीर सिंह आज समाज के अन्य लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने हुए हैं ।