नैनीताल -अब बिच्छू घास के पौधे से कपड़े तैयार होंगे

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कांतापाल/ नैनीताल – हमारे आसपास प्रकृति में ऐसे बहुत सारे पेड़ पौधे है जो हमारे जीवन मे बहुत ही लाभदायक होते है, ऐसा ही पहाड़ो में पाया जाने एक पौधा जिसे पहाड़ के वाशिंदे अक्शर दवा, सब्जी ओर जानवरो के चारे में प्रयोग करते है। पन्तनगर के वैज्ञानिको द्वारा इस पौधे को अब पहाड़ के लोगो की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के काम मे शोध करते हुए नया फार्मूला इजात किया है।
क्या है ये पूरा फार्मूला और किस तरह से पहाड़ के लोगो की आय को बढ़ाने में सहायक तो होगा ही साथ ही पहाड़ो से हो रहे पलायन को रोकने में भी मददगार साबित होगा पहाड़ो से गुजरते हुए आप ने सड़क किनारे छोटे छोटे कांटेदार बिच्छू घास के पौधे तो देखे ही होंगे, पहाड़ो के लोग इसे दवा, हरी सब्जी और जानवरों के चारे में प्रयोग में करते है। जल्द ही ये पौधा पहाड़ो के लोगो की आय का साधन हो सकता है। पन्तनगर के होम साइंस के वैज्ञानिको और शोध कर रही छात्राओ ने इस पौधे से फाइबर निकालकर धागे बनाने की महारत हासिल कर ली है, अब ये किसानों और पहाड के लोगो की आय को बढ़ाने के काम मे प्रयोग किया जा सकता है। वैज्ञानिको के अनुसार पिछले कई सालों से बिच्छू घास पर लगातार शोध किया जा रहा था और अब उनके हाथ सफलता लगी है। वैज्ञानिको के अनुसार पहाड़ो में पाए जाने वाले बिच्छू के पौंधे से उच्च कोटि के फाइबर और धागा बनाया जा सकता है। इससे निकलने वाले रेशे इतने बारीक होते है कि ये आसानी से किसी भी रूप में ढल कर किसी भी तरह के कपड़ो में प्रयोग किया जा सकता है। अंतराष्ट्रीय बाजरो में नेचुरल प्रोडक्ट की मांग बढ़ने से बिच्छू घास से बने प्रोडक्टो को भी अच्छे दामो में बेचा जा सकता है जिससे पहाड़ में रहने वाले लोगो की आमदनी बढ़ सकती है
डॉ. मनीषा गहलोत, वैज्ञानिक पंतनगर विश्वविद्यालय ने बताया कि दुनिया भर के देशों में बढ़ रहे नेचुरल प्रोडक्ट की मांग को पूरा करने में टेक्सटाइल की दुनिया मे नेचुरल फाइबर पर किया गया शोध एक क्रांति पैदा कर सकता है । वैज्ञानिको के अनुसार अब तक नेपाल से ही अधिकांश टेक्सटाइल कंपनी फाइवरो की सप्लाई करते हुए आया है अगर हिमालय प्रदेश इस शोध का प्रयोग करते हुए बड़े पैमाने में कार्य करे तो स्थानीय लोगो को रोजगार मिल सकता है, साथ ही किसानों और स्थानीय लोगो की आय को बढ़ाया जा सकता है।