नैनीताल – मां नंदा-सुनंदा का अपने मायके में आगमन समारोह मनाया गया

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रिपोर्ट – कान्तापाल/ नैनीताल – प्रदेश के मान्यता प्राप्त व् पहाड़ों की कुलदेवी माँ नन्दा देवी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। नयना देवी मंदिर परिसर में होने वाला ये महोत्सव इस वर्ष अपने 115वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 17 सितंबर आज अष्टमी के दिन मां नंदा-सुनंदा का अपने मायके आगमन हुआ है, और इसी परंपरा के तहत दशमी 19 सितंबर को कुलदेवी मां नंदा-सुनंदा अपने ससुराल लौट जाएंगी। देश भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु माँ नन्दा सुनन्दा के दर्शन करने पहुँचते हैं। कदली वृक्ष से बनी माँ की मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए रखा गया है। मेले में हर रोज भण्डारा लगया जाता है जहाँ लाखों की संख्या में भक्त प्रशाद पाते हैं। लम्बी लम्बी कतारों में श्रद्धालू मां की एक झलक देखने को बेताब दिखे। घंटीयों और नगाडों की आवाजों के बीच मां के जयकारों से नयना देवी परिसर भक्तिमय हो गया है।

आपको बता दें कि मां नंदा-सुनंदा को कुमाउं में कुल देवी के रूप में पूजा जाता है। चंद राजाओं के दौर में मां नंदा-सुनंदा को कुल देवी के रूप में चंद राजा पूजा करते थे और अब संपूर्ण कुमाउं क्षेत्र के लोग मां नंदा-सुनंदा को कुल देवी के रूप में पूजते हैं। ऐसा माना जाता है कि मां नंदा और सुनंदा साल में एक बार अपने मायके यानी कुमाउं में आती हैं और यही कारण है कि अष्टमी के दिन यानी आज कुमाउं के विभिन्न स्थानों पर मां नंदा और सुनंदा की प्रतिमा तैयार कर प्राण प्रतिष्ठा के बाद समझा जाता है कि मां नंदा-सुनंदा अपने मायके पहुंच गई हैं। मां नंदा-सुनंदा की अगले तीन दिनों तक कुमाऊं के लोग उपासना करेंगे और 19 सितंबर को भव्य डोला भ्रमण के बाद मां नंदा-सुनंदा का नैनी झील में विसर्जन किया जाएगा। विसर्जन की यह परंपरा एक तहर है मां नंदा-सुनंदा को मायके से ससुराल विदा करने की परंपरा होती है।