नैनीताल – रैन बसेरे में ताला

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कान्तापाल/ नैनीताल – नैनीताल में एकमात्र रैन बसेरा जो नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही के कारण बंद पडा हैं जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। नैनीताल एक पर्यटक नगरी है जहां लाखों की संख्या में पर्यटकों की आवाजाही रहती है, ऐसे में बंद पड़े रैन बसेरा नगरपालिका प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा करता है। आपको बता दें कि जिन लोगों के पास ना तो पैसे और ना ही कोई संसाधन होते हैं, ऐसे लोगों को गर्मी बरसात और ठंड से बचने के लिए नगर पालिका प्रशासन द्वारा रैन बसेरे बनाए जाते है।  हालांकि नैनीताल में तकरीबन 25 से 50 लोगों की क्षमता वाला रैन बसेरा है, जिसमे अक्सर ताला लगा रहता है। वहीं बात करें नैनीताल की तो इनदिनों नैनीताल में रात्रि के समय खासा ठंड पड़ रही है। रैन बसेरे में पड़े ताले  के कारण गरीब असहाय लोगों को सर छुपाने के लिए बने रैन बसेरो से मेहरूम रहना पड़ रहा है। बेसहारा लोग रैन बसेरे के बाहर ही सोने को मजबूर है।  वहीं स्थानीय लोगों का कहना है की उचित प्रचार प्रसार ना होने के चलते लोगों को रैन बसेरे होने का पता नहीं चल पाता हैं। जिसके चलते अक्सर ये रैन बसेरे खाली पड़े रहते हैं।

वहीं  इस पूरे मामले में नगरपालिका के अधिशासी अभियंता रोहिताश शर्मा का कहना है कि नए रैन बसेरे का निर्माण नहीं किया जा सकता है। रैन बसेरे में चौकीदार की तैनाती कर उचित व्यवस्था कराई जाएगी। साथ ही नैनीताल में पड़ रही ठंड के मद्देनजर शासन और प्रशासन के निर्देशानुसार शीघ्र ही अलाव की व्यवस्था की जाएगी, ताकि लोगों को कड़ाके की ठंड से राहत दी जा सके। नगरपालिका प्रशासन को चाहिए कि इन रैन बसेरों में उचित व्यवस्था कराई जाए ताकि इस कड़ाके की ठंड गरीब और असहाय लोगों को सर छुपाने की लिए जगह मिल सकें।