नैनीताल – शाओलिन में कुंग-फू का प्रशिक्षण कैम्प

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कान्तापाल/  नैनीताल – चीन के मशहूर मार्शल आर्ट स्कूल, शाओलिन की एक शाखा अब भारत के नैनीताल में खुलने से इस सुन्दर कला को सीखने वालों  के लिए नई उम्मीद जग गई है। यहाँ देशभर के दर्जनों प्रशिक्षु आत्म सुरक्षा की इस बेहतरीन कला को सीख रहे हैं।

उत्तराखण्ड में नैनीताल के पंगूट गांव में इन दिनों शाओलिन गुरुकुल यानि भारत और चीन कला के संयुक्त रूप से कुंग-फू का प्रशिक्षण कैम्प चल रहा है। भारत के शिफू कनिष्क शर्मा इस कैम्प का आयोजन कर रहे हैं। इस कैंप में भारत के विभिन्न हिस्सों से लगभग 22 प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं। नैनीताल के निकट पंगोट के महरोडा गांव में कनिष्क ने शाओलिन गुरुकुल नामक कुंग-फू का ट्रेनिंग स्कूल व् आश्रम खोल रखा हैं। उन्होंने इसकी स्थापना दो वर्ष पूर्व नैनीताल में की थी । आज यहाँ भारत के विभिन्न हिस्सों से कई चयनित प्रशिक्षु इस अद्भुत कला को सीखने आए हैं। इस आश्रम में केवल कराटे के माहिर छात्रों को ही कुंग-फू का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। उनके साथ प्रशिक्षुओं को महा गुर का प्रशिक्षण देने के लिए चीन से महागुरु शि यन फैंग और शि हिंग जुग पहुंचे हुए हैं। इस प्रशिक्षण शिविर के बाद कनिष्क आसपास के ग्रामीणों को भी कुंग-फू की कला सिखाएंगे। बीती सात मार्च से सत्रह मार्च तक चलने वाले इस शिविर में लड़कों और लड़कियों ने जमकर हिस्सा लिया है।

कनिष्क बचपन से ही आत्म सुरक्षा के लिए सबसे मुफीद माना जाने वाला कुंग-फू सीखने के लिए प्रयासरत रहे। उन्होंने दिल्ली के बाद कई वर्ष तक चीन में इसका कड़ा प्रशिक्षण लिया। उन्होंने इसके साथ ही पोलैंड से एम.बी.ए.की शिक्षा भी ग्रहण की। कुंग-फू में माहिर कनिष्क शर्मा अब शिफू कनिष्क शर्मा बनकर देश की स्पेशल फोर्सेज के साथ आम लोगों को कुंग फू जैसे बेहतरीन मार्शल आर्ट सीखा रहे हैं । मार्शल आर्ट के निपुण कनिष्क ने, भारतीय फौज के प्रशिक्षित माहिर इंडियन नेवी कमांडो, मार्कोस, एन.एस.जी.कमांडो, असम राइफल्स और कई विशेष पुलिस दलों को भी बंदूक के बगैर ‘वन टू वन कॉम्बैट’ करना सिखाया है। उन्होंने शारुख खान, संजय दत्त, अभिषेक बच्चन, प्रियंका चोपड़ा, अर्जुन रामपाल, माधुरी दीक्षित समेत कुछ अन्य अभिनेताओं को फिल्म एक्शन के लिए मार्शल आर्ट की कला सिखाई है । कनिष्क उत्तराखण्ड में पर्यटक नगरी नैनीताल के समीप शांत गांव पंगोट में अपना कैम्प चलाकर पिछले तीन वर्षों से कुंग-फू की ट्रेनिंग दे रहे हैं । शिविर में पहुंचे प्रशिक्षुओं की मानें तो उन्हें कुंग-फू से बेहद लगाव है। इससे उन्हें आत्म शक्ति मिलती है। वो लोग इसे सीखने के लिए देश के किसी कोने में जाने को तैयार हैं। इनमें से कुछ प्रशिक्षु तो घर से झूठ बोलकर तक यहाँ पहुंचे हैं।