नैनीताल – हाई कोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई पर सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी पर माँगा जवाब

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रिपोर्ट – कान्ता पाल/ नैनीताल – प्रदेश के सरकारी स्कूलों  में अध्यापकों  की कमी के कारण हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खण्डपीठ ने सोमवार तक लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ चयन आयोग से स्थिति स्पस्ट करने को कहा है। पूर्व में कोर्ट ने सरकार से सोमवार 6 अगस्त तक स्थिति स्पस्ट करने के आदेश दिए थे । कोर्ट ने पूछा था कि सरकारी विद्यालयों में नियमित अध्यापकों  की नियुक्ति के लिए अभी तक क्या कदम उठाये गए है आज सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता द्वारा कोर्ट को अवगत कराया गया कि प्रदेश के  विद्यालयों में अध्यापको की कमी है नियमित अध्यापको मामले के लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ चयन का कहना है कि रेगुलर अध्यापकों  की नियुक्ति में अभी 18 माह का समय लग जायेगा। साथ में  छात्रों  के हित को देखते हुए यह भी कहा गया कि तब तक गेस्ट टीचरो का कार्यकाल बढ़ाया जाए । जिस पर खण्डपीठ ने दोनों आयोगों से सोमवार तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है ।

मामले के अनुसार अल्मोड़ा जिले के मासी गाँव निवासी गोपाल दत्त और स्याल्दे निवासी महेंद्र गिरी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश के सरकारी  विद्यालयों में शिक्षकों  का भारी अभाव है जिससे पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अन्धकार मय हो रहा है । देवेश उप्रेती, अधीवक्ता याचिकाकर्ता का कहना है, कि  सत्र प्रारम्भ हुए चार महीने बीत गए है शिक्षको के आभाव में गरीबों  के बच्चे या तो बिना अध्यापक के पढ़ रहे है या फिर  विद्यालय को छोडने के लिए मजबूर हैं । कुछ विद्यालयों में तो विषय के अध्यापक नहीं होने के कारण बच्चों को दूसरे अन्य स्कूलों में जाना पड़ रहा है। आंकड़े के आधार पर प्रदेश में 7347 शिक्षको के पद खाली पड़े हुए है जिन पर नियुक्ति की जानी है।