बंद पड़ा सरकारी स्कूल, बच्चे दूसरे गांव में जाने को मज़बूर

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इन्द्री – शिक्षा का स्तर सुधारने के बड़े-बड़े दावे करने वाली  सरकार में राज्यमन्त्री कर्णदेव काबोज के हल्के के गांव करतारपुर में 3 साल से सरकारी स्कूल बन्द पड़ा है और लोगों की बार-बार शिकायतें करने के बाद भी स्कूल को दोबारा चालू न करने से बच्चों की शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। करतारपुर गांव के बच्चे अब शिक्षा ग्रहण करने के लिए गांव मुसेपुरा में जाने के लिए विवश हो रहे हैं। गांव करतारपुरा का सरकारी स्कूल 3 साल से बन्द होने से गांव के लोगों में भारी आक्रोश व रोष है। गांव के लोग स्कूल के दोबारा से प्रारभ न करने पर भूखहड़ताल की चेतावनी दे रहे है, लेकिन शिक्षा अधिकारी इस बारे में जानकारी न होने की बात कहकर सरकार व शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
गांव करतारपुर निवासाी कैलासो देवी,तेजपाल, नरेश कुमार, उर्मिला देवी , निर्मला देवी ,केला देवी ,गुड्डी देवी ,हरी सिंह ,संजय ,विजय पाल ,मैनपाल।  सुरेश कुमार व राजेश ने बताया कि गांव का सरकारी स्कूल पिछले 3 साल से बन्द पड़ा है। इस स्कूल में न तो शिक्षक आते हैं और न ही विद्यार्थीं। स्कूल का भवन भी जर्जर हो चुका है। लोगों का कहना है कि गांव के बच्चों को शिक्षा के लिए भारी परेशानी उठाकर गांव मुसेपुर में जाना पड़ता है। रास्ते में आने-जाने के लिए विद्यार्थियों को कई तरह के असुरक्षा के माहौल से गुजरना पड़ता हैै। रास्ते से गुजरते वक्त विद्यार्थी कई बार दुर्घटनाओं के शिकार हो चुके हैं।

लोगों का कहना है कि वह पिछले तीन सालों से शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लेकर हल्के  के विधायक एवं मन्त्री कर्णदेव काबोज को इस बारे में शिकायत कर स्कूल को दोबारा चालू कराने की मांग कर चुके हैं, लेकिन आज तक भी ग्रामीणों की इस मांग को पूरा नहीं किया गया। स्कूल दोबारा चालू न करने से जनता मे सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है। गांव की महिला कैलाशो देवी का तो यहां तक कहना है कि सरकार में बैठे नेता व अफसर शिक्षा देने के बड़े-बड़े दावें तो कर रही है, पर कतारपुर में बंद पड़े सरकारी स्कूृल को दोबारा चालू कराने की मांग को पूरा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने गांव में इस स्कूल को दाबोरा चालू कर विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार नहीं दिया तो गांव के लोग इस मामले को लेकर सडक़ जाम व भूखहड़ताल कर प्रदर्शन करने पर विवश होंगे। हैरानी की बात तो यह है कि शिक्षा सुधार के बड़े-बड़े दावे करने वाली खट्टर सरकार में करतारपुर स्कूल को दोबारा से आरभ न करना सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों पर उंगली उठने के बाद भी सरकार संचालक नेता व अधिकारी मौन साधे हुए हैं।
गांव के सरपंच सुरेश शर्मा का कहना है कि गांव करतार पुर में पिछले 3 साल से राजकीय पाठशाला बन्द पड़ी है। इस पाठशाला को दोबारा शुरू करने के लिए राज्यमन्त्री कर्णदेव काबोज व अधिकारियों से आग्रह किया जा चुका है, मगर लोगों को खाली आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं मिला। लोगों के पास अब आंदोलन के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचा है। उधर, खण्ड शिक्षा अधिकारी रविन्द्र सचदेवा का कहना है कि मेरे पास इस पद का अतिरिक्त कार्यभार है, इसलिए मुझे इस स्कूल के संदर्भ में जानकारी नहीं है। गांव में जाकर सारे मामले की जानकारी लेने के बाद स्कूल को दोबारा चालू कराया जाएगा।