यूपी के IG रैंक के अफसर के खिलाफ जांच के आदेश, आतंकी को बचाने के लिए 1 Cr. की डील का आरोप

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लखनऊ – यूपी में आईजी लेवल के एक आईपीएस अफसर के खिलाफ सरकार ने जांच बिठा दी है l अफसर पर आरोप है कि उन्होंने पंजाब की नाभा जेल ब्रेक के मास्टरमाइंड गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी घनश्याम पुरा को पकड़कर 1 करोड़ की घूस के बदले छोड़ दिया l मामले की जानकारी मिलने के बाद मंगलवार देर शाम सीएम योगी आदित्यनाथ प्रमुख गृहसचिव को बुलाकर फौरन जांच कराने के आदेश दिए हैं l   27 नवंबर 2016 को पटियाला की नाभा जेल से खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट और बब्बर खालसा के आतंकवादियों को पुलिस की वर्दी में गए अपराधियों ने छुड़ा लिया था l इसके षड्यंत्र के मास्टरमाइंड गोपी घनश्याम पुरा को यूपी में 10 सितंबर को यूपी के शाहजहांपुरा से गिरफ्तार किया गया था l घनश्याम पुरा के किसी दोस्त ने इस डर से कहीं उसका एनकाउंटर न हो जाए उसकी गिरफ्तारी की जानकारी अपनी फेसबुक पोस्ट पर दे दी l आरोप है कि पंजाब के एक दूसरे बड़े अपराधी और शराब व्यापारी के जरिए 1 करोड़ की डील हुई, जिसकी मध्यस्तता सुल्तानपुर के एक कांग्रेसी नेता ने की l

बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस के अफसरों को बब्बर खालसा के दो अपराधियों के बीच बातचीत को इंटरसेप्ट करने पर यह जानकारी मिली कि यूपी में रह रहे खालासा के सदस्यों को बचाने के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से एक करोड़ की डील हुई है। बीते दिनों सुल्तानपुर से पकड़े गए पिंटू तिवारी को डील के लिए बिचौलिया बनाए जाने की जानकारी भी पंजाब पुलिस के हाथ लगी थी। घूस के लिए फाइनेंसर ने 45 लाख रुपए भी बिचौलिए तक पहुंचा दिए थे।

पंजाब पुलिस ने शराब व्यापारी रिंपल और अमनदीप की कॉल इंटरसेप्ट की जिससे पूरे मामले का पता चला. इसमें वो आईजी के जरिए घनश्याम पुरा को छुड़ाने की बात कर रहे हैं. पंजाब पुलिस और आईबी ने इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार को दी, जिसके बाद सरकार ने जांच बिठा दी है l आरोपी आईजी को उनके पद से हटाया भी जा सकता है l