श्रीगंगानगर – बस में करंट ,जिंदा जले 2 यात्री बाकि ने कूदकर बचाई जान

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श्रीगंगानगर- रायसिंहनगर से 365 हैड के लिए रवाना हुई लोक परिवहन की एक बस अनूपगढ़ में बिजली के ढीले तारों से टकरा गई। देखते ही देखते बस में भयंकर आग लग गई, जिससे दो यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा बुधवार करीब शाम 7:30 बजे का है। लापरवाही यह रही कि चक्काजाम से निपटने को चालक बस को तंग गलियों में ले गया था, जहां यह हादसा हो गया।

चश्मदीद के मुताबिक, बस शाम अनूपगढ़ स्टैंड से रवाना हुई और  शहर के उधमसिंह चौक से नाहरांवाली मार्ग पर महज एक किलोमीटर आगे भी नहीं पहुंची कि 16 ए के पास स्थित राधास्वामी डेरे के पास की गली में ट्रांसफार्मर से पहले ही 11 हजार वाल्ट की लाइन के बिजली के ढीले तारों से टकरा गई। इससे बस में करंट आ गया और देखते ही देखते बस धू-धू कर जलने लगी। बस में मौजूद यात्रियों में हड़कंप मच गया। जैसे तैसे यात्रियों ने जान बचाई लेकिन इस बीच दो यात्री  करंट से झुलस गए। हादसे के बाद अनूपगढ़ और आसपास के गांवों से सैकड़ों लोग मौके पर पहुंचे और अपने स्तर पर ही आग बुझाने का काम शुरू किया गया ।

एसएचओ भवानीसिंह चारण ने बताया कि करंट से झुलसे दोनों जनों को एंबुलेंस से अस्पताल  पहुंचाया लेकिन इससे पहले ही इनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना के बाद चालक और परिचालक मौके से भाग गए। मृतकों में एक 12 एनपी रायसिंहनगर का रामलाल नायक और  दूसरा परमाराम निवासी 365 हैड का बताया जा रहा है। हादसे के तुरंत बाद बीएसएफ अनूपगढ़ व आम लोगों ने ही अपने स्तर पर टैंकरों से आग पर काबू पाया।

बताया गया कि जब किसान दो दिनों से चक्काजाम किए हैं और वाहनों को निकलने ही नहीं दे रहे हैं तो संचालक ने बस को रवाना ही क्यों किया? यह बस 86 आरबी के एसएस बराड़ की बताई जा रही है। सवाल यह भी है कि आखिर क्यों संचालक और चालक ने चंद रुपए कमाने के लालच में 25 यात्रियों की जान खतरे में डाली। लोगों ने कहा कि बस संचालक व चालक पर लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया जाए।

वहां के निवासी ने बताया कि बिजली के इन ढीले तारों को कसने के लिए आसपास के लोगों ने कई बार विद्युत निगम को कहा था लेकिन निगम के अधिकारियों ने हर बार लापरवाही दिखाई। तारें इतनी नीची थीं कि कभी भी हादसा हो सकता था फिर भी निगम ने इस जायज मांग पर ध्यान नहीं दिया। लोगों ने कहा कि तार इतने नीचे थे कि उन्हें आसानी से छूआ जा सकता था। कई बार तो हादसा होते-होते भी बचा।