सुकमा – बुधवार को सुकमा में पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने प्रेस कांफ्रेंस कर नक्सली के सरेंडर करने का खुलासा किया। इस दौरान आरोपी ने मीडिया के सामने खुद सुकमा हमले की साजिश समेत कई राज खोल दिए। सुकमा हमले में शामिल नक्सली पोडियम पंडा ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। पुलिस और सुरक्षा बलों को पिछले 6 सालों से पोडियम पंडा की तलाश थी। नक्सलियों और नेता, मानवाधिकार आयोग, व्यापारियों के बीच अहम कड़ी की भूमिका निभाने वाले पोडियम पंडा ने कइयों के नाम का भी खुलासा भी किया है। इसकी निशानदेही पर ही 8 नक्सलियों को मंगलवार को पकड़ा गया था।
चिंतागुफा के पूर्व सरपंच पोडियम पंडा ने 7 मई को चिंतागुफा पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। 9 मई को पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा के सामने पेश किया गया। इसके बाद कागजी कार्रवाई कर इससे पूछताछ की गई। पूछताछ में अहम सुराग हाथ लगने के बाद इसकी निशानदेही पर चिंतागुफा और इसके-आस-पास के इलाकों से 8 नक्सलियों को पकड़ा गया। पोडियम ने बताया कि उसे वर्ष 1997 में चिंतागुफा का सरपंच चुना गया। वर्ष 1998 में नक्सली कमांडर मदन्ना इसके पास आया और इसे गांव में संघम कमेटी गठित करने के लिए कहा। इसके बाद से ही नक्सली हमेशा इसके संपर्क में रहे। इसने नक्सली और उनके शहरी नेटवर्क के बीच अहम कड़ी की भूमिका निभाई। नक्सलियों के दैनिक उपयोग की सामग्री पहुंचवाने से लेकर बड़े-बड़े व्यापारियों के चंदे पहुंचवाने में पोडियम की अहम भूमिका होती थी। बड़े नेताओं से नक्सलियों से संपर्क कराने से लेकर मानवाधिकार आयोग के एक्टिविस्टों को जंगल में पहुंचवाने में भी अहम भूमिका अदा करता था।इसने नंदिनी सुंदर और बेला भाटिया को कई बार नक्सलियों से मिलवाना स्वीकार किया है। इसने जंगल में नक्सलियों के बड़े ठिकाने समेत दूसरे कई खुलासे भी किए हैं। पोडियम से पूछताछ अभी जारी है।