सोनीपत – हरियाणा के सोनीपत शहर में वर्ष 1996 में हुए दो बम विस्फोट के मामले में आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को सोमवार को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है । कोर्ट ने टुंडा को सजा सुनाने के लिए 10 अक्टूबर मंगलवार का दिन तय किया है। इससे पहले सितंबर में हुई सुनवाई के दौरान टुंडा ने एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज डाॅ. सुशील गर्ग की कोर्ट में टुंडा ने अपने बयान में कहा था कि वह घटना के समय पाकिस्तान में था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पिलखुवा का रहने वाला अब्दुल करीब टुंडा 1980 में कभी होम्योपैथिक दवाइयों की दुकान चलाता था। इसके बाद जब वह आतंकी संगठनों के संपर्क में आया तो न सिर्फ उसने अपनी दुकान को बंद कर दिया बल्कि भारत में आतंक फैलाने का भी काम किया।
कहा यह भी जाता है कि एक बार वह कुछ नौसिखिए आतंकियाें को बम बनाना सिखा रहा था और उस दौरान धमाके में उसका एक हाथ उड़ गया था, जिसकी वजह से उसे टुंडा के नाम से जाना जाने लगा।
टुंडा पर दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद का करीबी होने के साथ-साथ 1996 से 1998 के बीच दिल्ली, पानीपत, सोनीपत, लुधियाना, कानपुर और वाराणसी में हुए बम धमाकों का मास्टरमाइंड होने का भी आरोप है l अब्दुल करीम टुंडा पर सोनीपत में 28 दिसंबर, 1996 को बम ब्लास्ट करने का आरोप है। उस दिन शाम के समय पहला धमाका बस स्टैंड के पास स्थित तराना सिनेमा के पास तथा दस मिनट बाद दूसरा धमाका गीता भवन चौक स्थित गुलशन मिष्ठान भंडार के पास हुआ था। धमाके में करीब एक दर्जन लोग घायल हुए थे।
टुंडा पर दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद का करीबी होने के साथ-साथ 1996 से 1998 के बीच दिल्ली, पानीपत, सोनीपत, लुधियाना, कानपुर और वाराणसी में हुए बम धमाकों का मास्टरमाइंड होने का भी आरोप है l अब्दुल करीम टुंडा पर सोनीपत में 28 दिसंबर, 1996 को बम ब्लास्ट करने का आरोप है। उस दिन शाम के समय पहला धमाका बस स्टैंड के पास स्थित तराना सिनेमा के पास तथा दस मिनट बाद दूसरा धमाका गीता भवन चौक स्थित गुलशन मिष्ठान भंडार के पास हुआ था। धमाके में करीब एक दर्जन लोग घायल हुए थे।