9 लाख कंपनियां नहीं फाइल कर रहीं रिटर्न, सरकार को काला धन के हेरफेर का शक

0
140

नई दिल्ली
देश की करीब 9 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां अपना-अपना सालाना रिटर्न फाइल नहीं कर रही हैं। रेवेन्यू सेक्रटरी हसमुख अधिया ने आशंका जताई है कि ये कंपनियां काला धन के हेरफेर में शामिल हैं। इनके खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है और गड़बड़ी पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई भी होगी। राजस्व सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से गठित टास्क फोर्स हर 15 दिन में इन कंपनियों का हिसाब-किताब देख रही है। देश में 15 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां हैं। इनमें से आठ से नौ लाख कंपनियां कंपनी मामलों के मंत्रालय को सालाना रिटर्न मुहैया नहीं करातीं। रजिस्टर्ड कंपनियों में से सिर्फ 6 लाख ने रिटर्न फाइल किया है। इनमें से 3 लाख ने जीरो इनकम दिखाई है।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने लगभग तीन लाख गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को नोटिस जारी कर उन्हें कहा है कि वे अपना रजिस्ट्रेशन रद्द करवाएं। बाकी कंपनियों को भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अधिया ने कहा, ‘हमारे देश में लगभग 8-9 लाख कंपनियां कोई रिटर्न दाखिल नहीं करतीं जो कि संभावित जोखिम, मनी लॉन्ड्रिंग का संभावित स्रोत बन गई हैं। इसलिए टास्क फोर्स ने इस दिशा में काम किया है।’

उल्लेखनीय है कि सरकार ने फरवरी में घरेलू मुखौटा कंपनियों पर एक बड़ी कार्रवाई के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग अथवा कर चोरी करने वाली ऐसी कंपनियों के बैंक खाते जब्त करने समेत ‘कठोर दंडात्मक कार्रवाई’ करने का निर्णय किया था। उन्होंने कहा कि मंत्रालय में यहां रिटर्न दाखिल नहीं करने वाली सभी नौ लाख कंपनियां शायद मुखौटा कंपनियां नहीं हों और हो सकता है कि कारोबार नहीं होने के कारण निष्क्रिय हों।